( सुशील कुमार शर्मा,स्वतन्त्र पत्रकार)
दिल्ली। इस बार 'अभिनव इमरोज़' एवं 'साहित्य नंदिनी' पत्रिकाओं के विशेषांक वन्दना यादव के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को केन्द्र में रख कर प्रकाशित हुए हैं। वरिष्ठ संपादक श्री देवेन्द्र कुमार बहल इन पत्रिकाओं के संपादक हैं और इन अंकों की अतिथि संपादक हैं डॉ. रेनू यादव। दोनों पत्रिकाओं का लोकार्पण गत 12 अप्रैल को दिल्ली स्थित वास्तु कला अकादमी, सेकुलर हाउस में हुआ। मंच पर प्रोफेसर सत्यकेतु सांक्रत (संकालाध्यक्ष -साहित्य अध्ययन पीठ एवं कुलानुशासक, बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली) डॉ. दीपक पाण्डेय (सहायक निदेशक, केंद्रीय हिंदी संस्थान), प्रोफेसर बंदना झा, (विभागाध्यक्ष, जेएनयू), सूर्य कांत शर्मा (वरिष्ठ मीडिया कर्मी और आलोचक), लता विनोद नोवाल (साहित्यकार, मुंबई), डॉ. रेनू यादव, देवेंद्र कुमार बहल, वन्दना यादव तथा इंद्रप्रस्थ लिटरेचर फेस्टिवल के अध्यक्ष चन्द्र मणी ब्रह्मदत्त उपस्थित थे। कार्यक्रम के सूत्रधार रहे साहित्यकार और कला अध्येता विशाल पाण्डेय।
प्रोफेसर बन्दना झा ने वन्दना यादव को माइक्रो स्कोपिक व्यू से दुनिया को देखने वाली लेखक कहा। तो वहीं सूर्य कांत शर्मा के अनुसार वन्दना साहित्य के भोर का तारा है। प्रोफेसर सत्यकेतु सांकृत ने वन्दना यादव के लेखन को गहन शोध से उपजा रचनाकर्म और नया एवं अलग दृष्टिकोण रखने वाली कलमकार कहा।
उल्लेखनीय है एक दिन पूर्व मिली सूचना के बावजूद इस कार्यक्रम में साहित्य से जुड़े प्रबुद्ध जनों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों और मित्र-परिचितों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।
जिसमें वास्तु कला अकादमी के अध्यक्ष श्री प्रशांत वाजपई, नूतन पांडेय (केंद्रीय हिन्दी निदेशालय),अनुज कुमार, पूजा कौशिक अम्बरीन ज़ैदी, रणविजय राव, सोना लक्ष्मी राव, पुष्पराज यादव, निम्मा, डॉ. सतीश यादव, अभय सिंह जेलदार, रेखा शर्मा, कल्पना मनोरमा, अशोक गुप्ता (प्रकाशक अद्विक प्रकाशन) बिपिन, शिव मोहन यादव, डॉ.स्वाति चौधरी, श्रीमती निर्मल यादव (वन्दना यादव की माता जी), शिवानी यादव, कर्नल पुष्पेंद्र यादव, निर्मला यादव तथा सोभिका राव (अस पब्लिकेशन) द्वारा वन्दना यादव को सम्मानित किया गया ।