गाजियाबाद। समाज कल्याण फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जयंती का आयोजन किया गया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार जितेन्द्र बच्चन ने दोनों विभूतियों के चित्रों पर माल्यार्पण किया। साथ ही बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कार्यों तथा विचारों ने देश की स्वतंत्रता और इसके बाद आजाद भारत को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई। लाल बहादुर शास्त्री ने “जय जवान, जय किसान” का नारा दिया। उनकी सादगी और विनम्रता के लोग कायल थे। ये दोनों विभूतियां हमें सच्चे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं। उनके विचार आज भी दुनिया के लिए अनुकरणीय हैं।
प्रताप विहार सेक्टर 12 के स्काई गार्डन में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आए लोगों ने बापू और गुदड़ी के लाल शास्त्री जी को पुष्पांजलि अर्पित की। एबीसीकेएम के संस्थापक विजय कुमार श्रीवास्तव ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए कहा कि उन्होंने वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था। हरित क्रांति भी उनके ही दौर में हुई थी।
एसकेएफआई के मुख्य निदेशक डॉ अशोक कुमार, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अरुण सक्सेना, डॉ श्याम सिंह, साहित्यकार सत्येन्द्र प्रकाश, डॉ अखलाक अहमद, समाजसेवी श्रीमती किरण श्रीवास्तव और समाज कल्याण फेडरेशन ऑफ इंडिया के युवा प्रकोष्ठ के महासचिव सुधांशु श्रीवास्तव ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात में हुआ था, जबकि पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री 2 अक्टूबर, 1904 को उत्तर प्रदेश में पैदा हुए थे। गांधी जी और लाल बहादुर शास्त्री ने देश के विकास और भलाई के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। भारत की प्रगति के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता और चुनौतीपूर्ण समय में उनका नेतृत्व अनुकरणीय है। हमें अपने समाज और देश का विकास करना है तो इनके बताए रास्ते पर चलना चाहिए।
सर्व धर्म प्रार्थना सभा के आयोजन में अखिल भारतीय चित्रगुप्त कायस्थ महासभा का जहां विशेष सहयोग रहा, वहीं युवाओं के लिए सराहनीय कार्य करने के लिए एसकेएफआई ने सचिन राघव और दिव्याशी सिंह को ‘प्रतिभा सम्मान’ से नवाजा है। इस अवसर पर किशन सिंह तोमर, स्वाति, निभा श्रीवास्तव, ज्योति, विजय प्रकाश श्रीवास्तव, धर्मेन्द्र सिंह, मनोज श्रीवास्तव, सौरभ सिंह, अनुज श्रीवास्तव, नरेश, कई समाजसेवी और गणमान्य उपस्थित रहे।