हिंदी साहित्य के नक्षत्र ध्रुव गुप्त करेंगे कथा संवाद में नवोदितों का मार्ग दर्शन - सुभाष चंदर

विशेष संवाददाता 

गाजियाबाद। कथा रंग द्वारा आयोजित 'कथा संवाद' की अध्यक्षता देश के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार ध्रुव गुप्त करेंगे। कार्यक्रम के संयोजक सुभाष चंदर ने बताया कि श्री गुप्त के बारे में जो बात सर्वाधिक आकर्षित करती है, वह है उनका पेशा। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहने के बावजूद ध्रुव गुप्त ने अपने अंदर एक संजीदा कवि और लेखक को जीवित रखा है। ध्रुव गुप्त साहित्य जगत की ऐसी शख्सीयत हैं, जो अपने नाम के अनुसार ही अपनी लेखन क्षमता के बल पर साहित्य जगत के आकाश में ध्रुव तारे की मानिंद अपनी चमक बिखेर रहे हैं। श्री चंदर ने बताया कि 'कथा संवाद' की मासिक कार्यशाला आगामी रविवार 20 अगस्त को अंबेडकर रोड स्थित होटल रेडबरी में आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध लेखिका डॉ. रखशंदा रूही मेहदी होंगी। 

  श्री चंदर ने मीडिया को बताया कि श्री गुप्त को साहित्य की हर विधा में महारत हासिल है। साहित्य जगत में ध्रुव गुप्त को कवि, ग़ज़लगो, कथाकार, लेखक और स्तंभकार के रूप जाना जाता है। ध्रुव गुप्त की अब तक आठ पुस्तकें 'कहीं बिल्कुल पास तुम्हारे', 'जंगल जहां खत्म होता है' और 'मौसम जो कभी नहीं आता'(कविता संग्रह), 'मुठभेड़' (कहानी संग्रह), 'एक जरा सा आसमां', 'मौसम के बहाने' और 'मुझमें कुछ है जो आईना सा है' (गजल संग्रह) तथा 'फिर तेरी कहानी याद आई' (लेख संग्रह) प्रकाशित हो चुकी हैं। 

जो पाठकों के बीच काफी लोकप्रिय भी हैं। संस्था के अध्यक्ष शिवराज सिंह ने जानकारी दी कि नवोदित लेखकों के प्रोत्साहन हेतु कथा रंग द्वारा पिछले छह वर्ष से कथा संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसमें देश के शीर्ष साहित्यकार नवोदित रचनाकारों का मार्ग दर्शन करते आ रहे हैं। श्री सिंह ने बताया कि कार्यक्रम की‌ मुख्य अतिथि डॉ. रख़्शंदा रूही मेहदी हिन्दी और उर्दू की चर्चित लेखिका हैं। पेशे से अध्यापिका व देश-विदेश में कई पुरस्कारों से सम्मानित डॉ. मेहदी की पुस्तकें पाठकों में काफी लोकप्रिय रही हैं। जिनमें उर्दू कहानी संग्रह 'मगर इक शाखे निहाले ग़म' व 'मॉनसून स्टोर' के अलावा शोध पर आधारित 'अलखदास' प्रमुख हैं। आयोजक आलोक यात्री ने बताया कि कार्यक्रम दोपहर तीन बजे प्रारंभ होगा। जिसमें साहित्यिक रुचि के सभी लोग आमंत्रित हैं।