भातखंडे संगीत महाविद्यालय में श्रद्धये लता जी श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित

गाजियाबाद। स्वर साम्राज्ञी भारत रत्न स्व. लता मंगेशकर  का हाल ही में देवलोक गमन हो गया ।श्रद्धेय लता जी का जाना न केवल संगीत जगत, अपितु देश भर के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लता दीदी और संगीत एक परस्पर पर्याय बन चुके थे, ऐसा कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। स्थान- स्थान पर उनकी स्मृति में श्रद्धांजलि सभाओं के आयोजन अभी तक किए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में संस्कार भारती महानगर गाज़ियाबाद  द्वारा गत शानिवार  सायं दिनांक 26 फ़रवरी 2022 को वी एन भातखंडे संगीत महाविद्यालय गाजियाबाद में एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें 30 से भी अधिक बालिकाओं व महिलाओं ने स्व. लता मंगेशकर जी के गीत गाकर उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। महाविद्यालय के संस्थापक एवं अध्यक्ष  पूज्य गुरुजी पंडित हरिदत्त शर्मा  सहित, पंडित ज्ञानेंद्र शर्मा (शास्त्रीय गायक), पंडित हरिओम शर्मा (संगीत विधा प्रमुख)और कैप्टन बी डी शर्मा ने लता जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।    सर्वप्रथम वैष्णवी मोहन ने राम भजन द्वारा गायन आरंभ किया। तत्पश्चात अनेक छात्राओं ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। 

7 वर्षीय आरोही सोनी द्वारा नैनों में बदरा छाए, चैती शर्मा द्वारा ग़ज़ल अगर मुझसे मोहब्बत है, रेखा चौधरी द्वारा जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा, निहारिका द्वारा अजी रूठकर अब कहां जाइएगा, अमृता श्रीवास्तव द्वारा सत्यम शिवम सुंदरम , अनुश्री का मेरी आवाज़ ही पहचान है आदि गीत कार्यक्रम के प्रमुख आकर्षण थे। विशेष आश्चर्य की बात यह थी कि कुल 34 गायिकाओं ने अपना गायन प्रस्तुत किया और एक भी गीत की पुनरावृत्ति नहीं हुई। लगभग 3 घंटे तक चला यह कार्यक्रम बेहद सुरीला व सराहनीय था।

कार्यक्रम में प्रीति त्रिगुणायत और आयुष द्वारा तबला तथा सतीश कुमार व चैती शर्मा द्वारा हारमोनियम पर संगत की गई। महाविद्यालय की शिक्षिका ज्योति शर्मा ने कार्यक्रम का सुंदर संचालन किया। अमर, नवीन कुमार शर्मा, विनय मोहन जोशी और आयुष ने कार्यक्रम के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभी छात्राओं के अभिभावकों के अतिरिक्त डा वीना मित्तल (अध्यक्ष, संस्कार भारती महानगर गाज़ियाबाद), वरिष्ठ छायाकार कुलदीप  व मधुरलता भटनागर (शास्त्रीय गायिका) आदि की गरिमामयी उपस्थिति ने इस समारोह को भव्यता प्रदान की।