गाज़ियाबाद। जीपीए ने कैन्द्रीय शिक्षा मंत्री को समीक्षा के लिए लिखा पत्र ,जहाँ एक तरफ नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट ( एनआईडीम ) , की हालिया रिपोर्ट केंद्र की कमेटी की प्रधानमंत्री कार्यलय को सौपी गई। विस्तृत रिपोर्ट एवम नीति आयोग का आकलन लगातार सितंबर में कोरोना की तीसरी लहर आने की चेतावनी दे रहा है। वही दूसरी तरफ सरकार का इन सभी रिपोर्ट को अनदेखा कर स्कूल खोलने का निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर भारी पड़ने का साफ साफ संकेत दे रहा है जिसको लेकर बच्चों को स्कूल भेजने के निर्णय पर अभिभावको में बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति असुरक्षा और भय का माहौल बन हुआ है।
जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने बताया कि अभी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट ( एनआईडीएम ),नीति आयोग और ग्रह मंत्रालय के एक्सपर्ट पैनल ने रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि सितंबर - अक्टूबर के बीच कोरोना की तीसरी लहर देश मे आ सकती है, साथ ही देश के वरिष्ठ डॉक्टर , वैज्ञानिक और मीडिया का कोरोना की तीसरी लहर को लेकर हालिया आंकलन इन रिपोर्ट को मजबूती दे रहा है। कमेटी की पीएम आफिस को सौपी गई रिपोर्ट में बच्चों के लिये बेहतर मेडिकल तैयारी के लिये भी कहा गया है। वही नीति आयोग ने भी कोरोना की तीसरी लहर के कारण एक दिन में 4 लाख से ज्यादा केस आने का अनुमान लगाया गया है, जो आने वाले बड़े खतरे का संकेत दे रहा है जिसको अनदेखा कर केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार छोटे बच्चों के लिये स्कूल खोलने का निर्णय ले रही है, जो बच्चों के जीवन और सुरक्षा के लिए घातक साबित हो सकता है। सरकार को अभी स्कूल खोलने के निर्णय पर पुनः विचार कर अभी दो से तीन महीने की प्रतीक्षा करनी चाहिए और कोरोना की तीसरी लहर आने के संकट को गुजर जाने की प्रतीक्षा करनी चाहिए। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर आ रही रिपोर्ट से अभिभावको और बच्चों में असुरक्षा का भाव है। जिसके कारण अभी पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नही है और कोरोना की तीसरी लहर का संकट टल जाने के बाद ही अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने पर विचार करेंगे इसलिये सरकार को अपने स्कूल खोलने के निर्णय की समीक्षा करनी चाहिये।