गाजियाबाद। सुप्रसिद्ध साहित्यकार से. रा. यात्री की जयंती पर आयोजित 'कथा संवाद' की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ आलोचक डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि यात्री जी की कहानियां हर दौर में प्रासंगिक रहेंगी। वरिष्ठ लेखक मलिक राजकुमार ने कहा कि यात्री जी की भूमि पर कथा रंग की कार्यशाला रचनात्मकता के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। चर्चित लेखिका प्रज्ञा रोहिणी ने कहा कि रचना विरोधी समय में सृजन एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि कहानी में सहजता उसका सशक्त पक्ष होता है। यात्री जी का लेखन सहजता की मिसाल है।
से. रा. यात्री के लेखन और व्यक्तित्व पर चर्चा के दौरान यात्री जी की मानस पुत्री व सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. माला कपूर 'गौहर' ने कहा कि यात्री जी ने जिस सहजता और शालीनता से जीवन जिया वह उनके लेखन में भी परिलक्षित होता है। वरिष्ठ रचनाकार कमलेश भट्ट कमल ने कहा कि गाजियाबाद प्रवास के दौरान उन्होंने बतौर लेखक यात्री जी की रचनात्मकता के विविध आयाम देखने को मिले। लेखक व व्यंग्यकार सुभाष चंदर ने कहा कि यात्री जी के साथ उनका सानिध्य चार दशक से अधिक समय का रहा है और इस दौरान उन्हें एक लेखक के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के अलावा उनके संपादकीय कौशल से परिचित होने का अवसर मिला।
प्रसिद्ध शायर सुरेन्द्र सिंघल ने कहा कि यात्री जी लेखन की हर विधा में अपनी दक्षता के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। वरिष्ठ लेखक योगेन्द्र दत्त शर्मा ने कहा कि यात्री जी के साथ उनका पीढ़ियों का रिश्ता है, जो निरंतर प्रगाढ़ होता जा रहा है। पत्रकार व लेखक अतुल सिन्हा ने कहा कि वह उन चुनिंदा लोगों से शामिल हैं जिन्हें यात्री जी का सानिध्य उनके जीवन के अंतिम दौर में मिला। उन्होंने कहा कि उस दौरान वह सृजन से भले ही दूर थे, लेकिन समकालीन लेखन के प्रति पूरी तरह चेतन थे। सुप्रसिद्ध शायर दीक्षित दनकौरी ने कहा कि यात्री जी व्यक्तिगत जीवन में जितने सच्चे, खरे और बेबाक थे, उनकी यही खूबी उनके लेखन में भी विद्यमान है। सुप्रसिद्ध रंगकर्म अनिल शर्मा ने उन्हें हिंदी कहानी का शताब्दी पुरुष बताया।
कथा संवाद में डॉ. बीना शर्मा ने 'भाईचारा', शकील अहमद ने 'नई सोच', रश्मि वर्मा ने 'मुझे आसमान चाहिए' का पाठ किया। कथा रंग के अध्यक्ष शिवराज सिंह की कहानी 'भाव' का पाठ वागीश शर्मा और विपिन जैन की कहानी 'मेरा आसमान' का पाठ डॉ. स्वाति चौधरी ने किया। पढ़ी गई कहानियों की खूबियों और कमियों पर सार्थक विमर्श हुआ।
कार्यक्रम का संचालन आलोक यात्री एवं डॉ. वीना शर्मा ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर आलोक अविरल, वंदना वाजपेई, डॉ. अजय गोयल, सिनीवाली, अशोक मिश्रा, अशोक गुप्ता, पंडित सत्य नारायण शर्मा,सुभाष अखिल, नेहा वैद, रवि पाराशर, डॉ. वीना मित्तल, संदीप वैश्य, इंद्र कुमार, प्रवीण त्रिपाठी,अंजू जैन, डॉ. गुडिया बानो, सुधा गोयल, देवेंद्र देव, प्रेम किशोर शर्मा, संदीप तोमर, डॉ. ईश्वर सिंह तेवतिया, प्रभात चौधरी, मौनी गोपाल तपिश, अवधेश सिंह, अनिमेष शर्मा, सुरेन्द्र शर्मा, विनय विक्रम सिंह, सुमित्रा शर्मा, संजय दत्त शर्मा, राष्ट्र वर्धन अरोड़ा, ओंकार सिंह, देवेंद्र गर्ग, तन्मय यात्री, अभिनव यात्री, निरंजन शर्मा, डी. डी. पचौरी, दीपक श्रीवास्तव नीलपदम, डॉ. अल्पना सुहासिनी, अविनाश, हेमलता गोयल, गार्गी कौशिक, विश्वेंद्र गोयल, प्रताप सिंह, अक्षयवरनाथ श्रीवास्तव, रिंकल शर्मा, संजीव शर्मा, प्रमोद शिशोदिया, अजय कुमार गुप्ता, अरुण कुमार गुप्ता, मंजू मलिक, तिलक राज अरोड़ा, हेमेंद्र बंसल, विष्णु कुमार गुप्ता, सुरेश वर्मा, डॉ. सुमन गोयल, स्वामी अशोक चैतन्य, तेजवीर सिंह, उत्कर्ष गर्ग, विनय सिंह राठौर, संजय भदौरिया एवं प्रियंका शर्मा सहित बड़ी संख्या में साहित्य अनुरागी मौजूद थे।