बुलंदी संस्था ने कराया अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का सफल आयोजन

रुद्रपुर। बुलंदी साहित्यिक सेवा समिति द्वारा  10 दिसम्बर को रुद्रपुर के नगर निगम में आयोजित हुआ ’काव्य का महाकुंभ कवि सम्मेलन’ आयोजन में उपस्थित रहे देश भर के सैकड़ों कलमकार । कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के माध्यम से संस्था के संस्थापक बादल बाजपुरी एवं संरक्षक पंकज शर्मा एवं विशिष्ठ अतिथि विकास पांडेय ने किया।

आयरलैंड से आए हुए कवि अभिषेक त्रिपाठी ने काव्य पाठ करते हुए कहा कि,"आपदा में अवसर दिलवा दो एक वर्दी मुझे सिलवा दो मिल बांट कर खायेंगे सब वर्दी वाला चोर बना दो "

कानपुर से आए कवि अजीत राठौर ने कहा "टुकड़े टुकड़े श्रद्धा कटती फिर भी श्रद्धा जिंदा है पन्ने पन्ने कविता फटती फिर भी कविता जिंदा है "

आगरा से आए नवीन आर्या ने कहा "शायद मेरी तरबियत का ही असर है मेरी शख्सियत पर मैं दिल दुखाने वाले के भी दिल मे जगह बना लेता हूँ.."

साथ प्रतिभागियों के रूप में ,अंजू शर्मा मथुरा, अक्षिता रावत कर्नप्रयाग , सुरभि खनेड़ा चमोली,मनोज देवदत्त आगरा व रिंकू निगम दिल्ली, राशिद गाजीपुरी,नवीन आर्या आगरा,गायत्री शर्मा गुंजन, अनामिका चौकसे मध्यप्रदेश से, हसन तुकबंदी ,हरीश शर्मा यमदूत ,नीरज कुमार,ललित मोहन जोशी, अंकुर,ज्ञानेंद्र शर्मा ,जितेंद्र कमल आनंद,सुबोध शर्मा ,हरीश भदौरिया जी के साथ ही अन्य भी कवि  कवयित्रियां मौजूद रहे जिन्होंने अपने अपने काव्य पाठ से खूब तालियां बटोरी। 

इसके साथ ही चमोली उत्तराखंड से कार्यक्रम में उपस्थित हुईं कवयित्री संगीता बिष्ट जी की पुस्तक 'कौमुदी काव्यांजलि', दिल्ली से आये कवि डॉ विक्रम गौर रसिक जी की पुस्तक 'ज्ञान उन्मेष' हिंदी व्याकरण व कानपुर से पधारे कवि अजीत राठौर जी के पुस्तक 'मुंह नोचवा' बाल काव्य संग्रह का भी विमोचन किया गया।

बुलंदी संस्था ने इससे पहले अक्टूबर 2022 में उत्तराखंड का सबसे बड़ा धरातलीय कार्यक्रम उत्तराखंड काव्य महोत्सव रुद्रपुर शहर में आयोजित करवाया था जिसमें देश भर से आए 300 कलमकार ने काव्य पाठ किया था बुलंदी ने वर्ष 2021 और 2022 में 207 घंटे और 400 घंटे अनवरत वर्चुअल कवि सम्मेलन आयोजित करवाकर दो बार विश्व वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी है जिससे इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया ,बुलंदी संस्था उत्तराखंड के बाजपुर से संचालित होती हैं, जिसका उद्देश्य नवोदित कलाकारों को मंच प्रदान करना है और इसके लिए संस्था निस्वार्थ भाव से कार्य कर रही हैं।