ग़ाज़ियाबाद। पिछले दिनों मैंने अखबारों में पढ़ा उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री निवास में आजादी के बाद पहली बार श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश हुआ शब्द कीर्तन अरदास एवं लंगर भी हुआ।यह कहना है ग़ाज़ियाबाद सिख गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार मंजीत सिंह का।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री माननीय आदित्यनाथ योगी जी ने लखनऊ मुख्यमंत्री सरकारी आवास पर गुरु तेग बहादुर जी के चार सौ साला प्रकाश पर्व मनाया गया । श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश हुआ।श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का आगमन एवं सत्कार हुआ।
इस शुभ कार्य को अंजाम देने का काम खुद मुख्यमंत्री योगी जी ने किया अपने सर पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को रख निवास के अंदर तक ले गए।यह सब जब तस्वीरों में अखबारों में पढ़ा तो अच्छा लगा।
मुख्यमंत्री होना भी ऐसा चाहिए जो सभी धर्मों का सम्मान करें बिना भेदभाव के।
मुख्यमंत्री योगी जी ने इससे पूर्व भी घोषणा की दशम पिता श्री गुरु गोविंद सिंह जी के साहिब जादो के जीवन को पाठ्य पुस्तकों में पढ़ाया जाएगा।
इसके साथ साथ 26 दिसंबर को हर साल उनकी याद में सरकारी छुट्टी की भी घोषणा की।
सिख गुरुओं के इतिहास को यादगार बनाने व समाज में संदेश देने के लिए 21 एकड़ जमीन भी अलॉट करने की घोषणा की।
इससे पूर्व किसी भी मुख्यमंत्री ने सिख धर्म के मानने वालों के लिए इतनी बड़ी घोषणा कभी नहीं की।
यह भी नहीं कह सकते यह सब वोटों के लिए किया गया ऐसा नहीं क्योंकि सिखों की पूरे देश में 2% ही वोट है और चुनाव में इसका कोई ज्यादा असर भी नहीं पड़ता मगर जिस तरह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने सिख धर्म का आदर सम्मान करते यह घोषणा की है।
माननीय मुख्यमंत्री योगी जी की इन घोषणाओं का पूरा सिख समाज आभार प्रकट करता है।
सिख समाज में एक खास बात है जो कोई भी उनके साथ अच्छा करता है या करने की सोचता है तो समाज ढाल बन उस इंसान के सम्मान के पीछे खड़ा रहता है।
जिस तरह मुख्यमंत्री जी ने गुरु तेग बहादुर जी के चार सौ साला प्रकाश पर मुख्यमंत्री निवास में आयोजन करने का जो कार्य किया उस पर पूरा सिख समाज उनका सम्मान करता है।
गाजियाबाद सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी का अपने दिल की गहराइयों से सम्मान करता है धन्यवाद देता है।