निरंतर भजन - सुमिरण कर अपनी आत्मा का विकास करें - श्री सतपाल जी महाराज

 नई दिल्ली / नजफगढ़। पंडवाला  कलां स्थित श्री हंस नगर आश्रम में आयोजित हीरक जयंती सद्भावना सम्मलेन में अपने विचार व्यक्त करते हुए सुविख्यात समाजसेवी व् उत्तराखंड सरकार में केबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज जी ने कहा कि मानव का जो लक्ष्य है मानव से महामानव बनने का है उसकी ओर बढ़ें और आत्मज्ञान को सद्गुरु कि शरण में जाकर जानें। निरंतर भजन - सुमिरण अपनी आत्मा का विकास करें , भौतिकवाद से ऊपर उठकर अध्यात्मवादी बन। इसी से ही मानव का कल्याण संभव है।  

     श्री महाराज जी ने कहा कि हम सभी मानव जीवन में शांति की खोज कर रहे हैं। जैसा की इस समय कोरोना पेंडेमिक चल रहा हैं जिसके कारन काफी लोगों की मौत भी हुई। इस सन्दर्भ में संत सूरदास ने भविष्य वाणी भी की थी कि ऐसा समय आएगा जब चारों तरफ भयानक  वातावरण बनेगा अकाल मृत्यु होगी। लेकिन परमात्मा का भजन सुमिरण कर इस त्रास्ति से बच जायेगा तो हमें खूब भजन सुमिरण करना चाहिए ताकि हमारे जीवन में आने वाले कस्टों व् बाधाओ से निजात मिल जाए। 

       पूर्व मंत्री श्रीमती अमृता रावत जीने समारोह में उपस्थित अपार  समुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा कि भक्ति में वह भक्त सफल होता है,जो भक्त तन -मन - धन से गुरु महाराज जी की सेवा करता है ,उनकी आज्ञा में रहता है चाहे उसके जीवन में कितनी ही बाधाएं आये, पर गुरु महाराज जी के चरणों में उसका दृढ विश्वास होता है ,तो वही व्यक्ति भक्ति में सफल होता है। ये तो नहीं कि थोड़ा सा कस्ट पड़ा और भक्ति -भजन करना छोड़ दिया ,सत्संग में आना ही छोड़ दिया। गुरु दरबार में आना ही छोड़ दिया ,वे भक्त लोग भक्ति में कैसे आगे बढ़ पायेंगे। 

        समारोह में परम पूज्य श्री विभु जी महाराज जी व् अन्य संत महात्माओं ने भी जनसमुदाय को सम्बोधित किया। मंच संचालन महात्मा  हरिसंतोषानन्द जी ने किया ।