गाजियाबाद। जीपीए ने अभिभावक की शिकायत का सज्ञान लेते हुये केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन को शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत "नो डिटेंसन पालिसी " का हवाला देते हुये पत्र के माध्य्म से अवगत कराया कि छात्र पर्व शर्मा पुत्र तुलसी शर्मा दास यूनिवर्सल अकैडमी , इंद्रपुरी , लोनी रोड ,गाजियाबाद में शिक्षा सत्र 2022-23 में कक्षा 7 का छात्र था । परीक्षा से पहले बच्चे को स्वस्थ संबंधी परेशानी होने के कारण परीक्षा ठीक से नही दे पाया है, जिस पर स्कूल द्वारा छात्र को कक्षा 7 में फेल कर अगली कक्षा में प्रमोट नही किया गया है ।माता पिता द्वारा स्कूल प्रशासन से बच्चे को अगली कक्षा में प्रमोट करने का अनुरोध अनेको बार किया जा चुका है लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नही निकला है, उल्टे छात्र का नाम ग्रुप से रिमूव कर दिया गया है। जिसके कारण छात्र गहरे मानसिक तनाव में जो अत्यंत चिंता का विषय है हम सभी जानते है शिक्षा के अधिकार के मौजूदा प्रावधान के अनुसार छात्रों को 8वीं कक्षा तक फेल होने के बाद भी अगली कक्षा में प्रवेश दे दिया जाता है, इसे ही हम 'नो-डिटेंशन पॉलिसी' के नाम से जानते हैं। नो-डिटेंशन पॉलिसी, शिक्षा के अधिकार अधिनियम (2009) का अहम हिस्सा है। इस अधिनियम में प्रावधान है कि बच्चों को आठवीं तक किसी भी कक्षा में फेल होने पर उसी कक्षा में पुनः पढ़ने के लिये बाध्य न किया जाए; अगर किसी छात्र के प्राप्तांक कम हैं तो उसे पासिंग ग्रेड देकर अगली कक्षा में भेज दिया जाए।
इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य यह था कि छात्रों की सफलता का मूल्यांकन केवल उनके द्वारा परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर न किया जाए बल्कि इसमें उनके सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखा जाए। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के सचिव अनिल सिंह ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन और बाल आयोग से अनुरोध किया है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत "नो डिटेंसन पालिसी" के नियमानुसार छात्र के भविष्य को ध्यान में रखते हुये स्कूल को छात्र पर्व शर्मा को कक्षा 8 में प्रमोट करने का निर्देश दिया जाये जिससे कि छात्र तनाव मुक्त होकर शिक्षा प्राप्त कर सके ।