गाज़ियाबाद। एक लंबे सगर्ष के बाद प्रदेश के अभिभावको के हित मे माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 6 जनवरी 2023 को कोरोना काल में शिक्षा सत्र 2020-21की 15 प्रतिशत फीस वापसी का आदेश दिया था। इस आदेश की खासियत यह थी कि जो बच्चे शिक्षा सत्र 2020-21 में स्कूल छोड़ चुके थे, निजी स्कूलों को उन बच्चों को भी फीस रिफंड करनी थी लेकिन आदेश के लगभग 1 महीने बीत जाने के बाद भी जब निजी स्कूलों ने अभिभावको की फीस वापसी शरू नही की तो मजबूरी वश 16 फरवरी को प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के सभी जिलाधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र जारी कर पेटेंट्स की 15 % फीस वापसी के निर्देश दिए लेकिन इस आदेश के बाद भी हालत कोई बेहतर नही हुये अभिभावको ने 15 प्रतिशत फीस वापसी को लेकर निजी स्कूल प्रबन्धको और अधिकारियों को खूब पत्र लिखे लेकिन स्कूल जहाँ टस से मस होने के लिए तैयार नही वही जिले के डीआईओएस और जिला प्रशासन भी इस अहम निर्देश पर चुप्पी साधे रहे जिले के अधिकतर स्कूल यही कहते रहे कि हमारे पास फीस वापसी का कोई आदेश नही गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन और अभिभावको के बढ़ते दबाब को हल्का करने के लिये डीआईओएस ने निजी स्कूलों के साथ 25 अप्रैल को जिले के 82 स्कूलो के साथ ऑन लाइन मीटिंग की और 28 अप्रैल 2023 तक अपना डाटा सबमिट करने के लिये समय दिया गया। हालांकि गाजियाबाद में सीबीएसई और आईसीएसई के लगभग 200 से ज्यादा निजी स्कूल है लेकिन मीटिंग में केवल 82 स्कूल ही उपस्थित हुये। इस मीटिंग के बाद एक दो स्कूलो द्वारा फीस समायोजित करने के मैसेज भेजे गए इस बीच नोएडा के जिलाधिकारी द्वारा लगभग 100 स्कूलो को फीस वापसी नही करने पर एक एक लाख का जुर्माना लगा नोटिस जारी कर दिया गया जबकिं गाजियाबाद के शिक्षाधिकारी का कहना था कि हम नगर निगम चुनाव के बाद 17 मई को जिला स्तरीय शुल्क नियामक समिति की मीटिंग कर फीस वापसी नही करने वाले स्कूलो पर कार्यवाई करेगे जिससे प्रतीत हो रहा था कि जैसे अधिकारी निजी स्कूलों को समय देना चाहते थे क्योकि खबर यह आ रही थी कि निजी स्कूल इस आर्डर पर स्टे लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट गये है खबर सही थी हालांकि निजी स्कूलों को सुप्रीम कोर्ट से कोई बड़ी राहत नही मिली सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो बच्चे 2020-21 में स्कूल छोड़ चुके है उन बच्चों की फीस रिफंड करने पर 6 हफ़्तों के लिए स्टे देते हुये 4 साल की बैलंस शीट जमा करने के निर्देश दिये लेकिन जो बच्चे स्कूल में पढ़ रहे है उनको फीस समायोजित करने पर कोई स्टे नही दिया गया लेकिन अब स्कूलो ने कहना शरू कर दिया कि हम 15 प्रतिशत फीस वापसी पर स्टे ले आये है ये वही निजी स्कूल है जिनके हाई कोर्ट के आदेश के तीन महीने बाद कोई आर्डर नही आया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट का आर्डर आदेश वाले दिन ही पहुँच गया।
गाजियाबाद में नगर निगम के चुनाव को बीते हुये भी लगभग दो हफ्ते से ज्यादा का समय बीत गया लेकिन 15 प्रतिशत फीस वापसी को लेकर अभी तक जिलाधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा डीएफआरसी की मीटिंग नही की गई जिसके कारण निजी स्कूलों की खुलेआम मनमानी जारी है ।गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी और सचिव अनिल सिंह ने कहा है कि 15 प्रतिशत फीस वापसी को लेकर हमारी शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों , अधिवक्ताओं और बुद्धिजीवियों से मीटिंग चल रही है अगर जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा दो तीन दिन के अंदर जिला स्तरीय शुल्क नियामक समिति की मीटिंग नही की तो बड़े स्तर पर आंदोलन करना मजबूरी होगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन और जिला विद्यालय निरीक्षक की होगी।