शिक्षा के व्यापार पर अंकुश के लिये अभिभावको को ही लेना होगा संकल्प - सीमा त्यागी

गाज़ियाबाद। जीपीए की अध्यक्ष श्रीमती सीमा त्यागी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी जानते है कि किताब - कॉपी ,स्टेशनरी , यूनिफार्म और फीस के नाम पर देश के प्रत्येक राज्य में अभिभावको से लूट साल दर साल बढ़ती ही जा रही है सरकार से लेकर शिक्षाधिकारियों एवम केंद्र और राज्यो में बैठे शिक्षा मंत्रियों से इस लूट की शिकायत अभिभावको द्वारा की जाती है और ऐसा भी नही है कि इन सबको इस लूट के बारे में जानकारी नही है लेकिन ये समझ नही आता है कि आखिर ये सभी निजी स्कूलों द्वारा खुलेआम की जा रही लूट पर अंकुश क्यो नही लगा पाते है कही इसका कारण ये तो नही की शिक्षामाफियाओ की जड़े अब सत्ता में मजबूत हो चुकी है और इनको प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक  सरक्षंण प्राप्त हो गया है जिसके कारण आने वाली हर सरकार में बैठे नीतिनिराधरक देश के अभिभावको की पीड़ा को नजरअंदाज कर इनके सामने नतमस्तक होकर बेबस और लाचार हो जाते है और अभिभावको की समस्या जस की तस बनी रहती है कही इसका कारण यह तो नही की इन राजनैतिक पार्टियों को पता लग गया है कि जनता मंदिर , मज्जिद , जात -पात और  धर्म को आधार मानकर वोट करती है शिक्षा , स्वास्थ्य और अपने बच्चों को रोजगार के नाम पर वोट नही करती है आपने देश के कितने राज्यो के सांसद और विधायको को लोकसभा और राज्य सभा मे शिक्षा के बढ़ते व्यापार  और देश के सरकारी स्कूलों की बदहाली के मुद्दों को उठाते हुये देखा है शायद ही आपके पास कोई 10 उदाहरण हो ।

 हम हर बार जनता द्वारा चुनी हुई सरकार से उम्मीद करते है कि ये देश के अभिभावको के मसीहा बनेंगे और शिक्षा के बढ़ते व्यापर पर अंकुश लगाकर अभिभावको को निजी स्कूलों की लूट से मुक्ति दिलाकर देश के प्रत्येक बच्चे को सस्ती और सुलभ शिक्षा के सपने को साकार करने का संकल्प लगे लेकिन जैसे जैसे समय बीतता है परिणाम वो ही ढाक के तीन पात । देश की जनता सरकार को टैक्स देती है और उम्मीद करती है कि इस टैक्स के पैसे से विकास के साथ साथ देश के बच्चों को सस्ती और सुलभ शिक्षा एवम  सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराये । लेकिन हम सभी जानते है कि इन मूलभूत सुविधाओं को पाने के लिए देश की जनता को भारी रकम खर्च करनी पड़ती है आप कह सकते है कि देश की आम जनता का लगभग 50 से 60 प्रतिशत पैसा शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओ को पाने के लिए खर्च करना पड़ता है जो किसी भी दशा में न्यायोचित  प्रतीत नही । में गाज़ियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के माध्य्म से देश के अभिभावको से अपील करती हूँ कि वो शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी अहम सुविधाओ के लिये आवाज उठाकर गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन का साथ दे जो हम देश मे शिक्षा क्रांति की मुहिम के माध्य्म से देश के प्रत्येक बच्चे को सस्ती और सुलभ शिक्षा का सपना साकार कर सके । आओ मिलकर संकल्प ले की हम शिक्षा के व्यापारीकरण पर रोक लगाकर ही चैन की सांस लेंगे ।