लखनऊ। मानव उत्थान सेवा समिति के तत्त्वावधान में आयोजित दो दिवसीय, (20 व 21जुलाई) को श्री हँस भक्ति धाम आश्रम में आयोजित गुरुपूजा कार्यक्रम 20 जुलाई को सुबह 10 बजे आश्रम प्रांगण में श्री गुरु चरणों के पूजन से कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ।
गुरु बिन भवनिधि तरय न कोई,जो बिरञ्चि शंकर सम होई।।
तुलसी दास जी के इस चौपाई के गूढ़ रहस्यों को सरलतापूर्वक आश्रम की प्रभारी पूज्य म• स्वरुपा बाई जी ने बड़ी संख्या में उपस्थित भगवतभक्तों को समझाया कि जब तक गुरु जी कृपा नही मिलेगी तब तक जीव का कल्याण नही होगा,चाहे वह भगवान शंकर एवम ब्रह्मा जी के समान ही क्यों न हो।
पूज्य बाई जी ने गुरु महिमा से सम्बंधित निम्न कई मार्मिक भजनों से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। श्री सदगुरू जी के चरण प्यारे प्यारे चरणों मे सुख हैं दुनिया के सारे गुरुपूजा का आया त्योहार आओ गुरुपूजा करें 'तूने ऐसी करी कृपा गुरुजी' 'मेरे मोह का बंधन तोड़ दिया' इनके बाद आश्रम की पूज्य उजला बाई जी ने गुरु पूजा की महिमा सुनाते हुए अनेक भजनों की प्रस्तुति से जनमानस को भाव विभोर कर दिया। "गुरु मेरा मन्दिर गुरु मेरी पूजा" "गुरु मेरा परब्रह्म और न दूजा"
पूज्य उजला बाई जी के इस भजन ने तो सभी का मन मोह लिया। इसके पश्चात पूज्य म• सोन बाई जी एवम म• बबलेश जी तथा अन्य ने भी गुरु जी की अपार महिमा को बड़े सरल व भाव सहित समझाया। 'गुरु नानक जी,गुरु रैदास जी समर्थ गुरु रामदास, मीराबाई' आदि के उदाहरणों को प्रस्तुत कर सन्त समागम के माहौल को आनन्द से सराबोर कर दिया।
अंत में पूज्य श्री गुरु महाराज जी की भव्य आरती की गई और सभी ने भोजन प्रसाद बड़े ही शालीनतापूर्वक प्राप्त किया। संस्था के स्वयंसेवको ने बड़े ही सुन्दर तरीके से अनुशासन बनाये रखा। स्थानीय नागरिकों ने भी इस अविस्मरणीय कार्यक्रम की बहुत सराहना किया।