12 वी की परीक्षा रद्द करने की अपील करते हुये समाधान हेतु जीपीए ने भेजे सुझाव

 गाज़ियाबाद। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को 12 सूत्रीय बिन्दुओ का संज्ञान लेते हुये देश के सभी शैक्षिक बोर्ड के 12 वी की परीक्षा रद्द करने की अपील करते हुये समाधान हेतु भेजे सुझाव।

 एसोसिएशन द्वारा देश में सभी शैक्षिक बोर्ड के 12 वी की परीक्षा पर एक जून होने वाले निर्णय को लेकर देश के केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक जी को 12 सूत्रीय अत्यन्त महत्वपूर्ण बिन्दुओ से अवगत कराते हुये 12 वी की बोर्ड परीक्षा रद्द करने की अपील की गई है साथ ही समस्या के समाधान के लिये सुझाव भी भेजे गये है जो इस प्रकार है -

1 - देश मे कोरोना महामारी की दूसरी लहर तांडव मचा रही है, अभी भी प्रतिदिन दो लाख से ज्यादा केस आ रहे है और लगभग 4500 से ज्यादा मौत प्रतिदिन हो रही हैं।

2 - कोरोना के अलावा काली, सफेद, पीली फंगस,  ने भी पैर पसार लिया है। ब्लैक फंगस को तो 14 राज्यों ने राष्ट्रीय महामारी भी घोषित कर दिया है।

3 - देश के वैज्ञानिकों औऱ डॉक्टर्स द्वारा आगामी दिनों में कोरोना की तीसरी लहर आने की चेतावनी जारी की जा चुकी हैं, और इसमें बच्चों को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। 

4 - कोरोना महामारी के कारण देश के विभिन्न शहरो में रह रहे विद्यार्थी और उनके परिजन अपने पैतृक स्थानों / दूर दराज क्षेत्रों में पलायन कर चुके है। 

5- कोरोना महामारी के कारण देश के अनेको विधार्थी अपने परिजनों को खो चुके है जिसके कारण एक गंभीर मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं, पढ़ाई का माहौल भी बिगड़ा है। 

6 - कोरोना महामारी के कारण 12 वीं कक्षा के छात्र / छात्राएं  मानसिक तनाव में है जिसके कारण ऑफ लाइन परीक्षा का दबाब बनाना उनके मनोबल पर विपरीत असर डाल सकता है जबकि परिस्थितिया अभी भी नियन्त्रण में नही हैं।

7- देश के विभन्न राज्यो की परिस्थियों का गंभीरता से आंकलन किया जाये तो ऑन लाइन शिक्षा लेने के लिये लगभग 40% विद्यार्थियों के पास संसाधन ही मौजूद नही थे जिसकी वजह से सरकार द्वारा चलाये गये ऑनलाइन सहयोग से वह वंचित रहे। 

8 - सूत्रों द्वारा मीडिया के माध्य्म से आ रही खबरों के अनुसार विद्यार्थियों के परीक्षा पेपर को 90 मिनट का करने की बात कही जा रही है जो की अर्थहीन है, क्योंकि कोरोना या ब्लैक फंगस संक्रमण 90 मिनट या 180 मिनट का इंतजार नही करेगा। 

9 - देश के चिकित्सक, शिक्षाविंद, और बुद्धिजीवी भी लगातार चेतावनी दे रहे है कि विद्यार्थियों की 12 वीं के बोर्ड परीक्षा स्कूल बुलाकर कराना उनके जीवन के साथ खिलवाड़ करना है। 

10 . अगर सरकार द्वारा सभी सुझावो को दरकिनार करते हुये जून या जुलाई माह में 12 वी की बोर्ड परीक्षा कराने का निर्णय लेती है तो विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच और मूल्यांकन करने में लगभग दो महीने का समय निकल जाएगा जिससे छात्र / छत्राओ द्वारा विभिन्न कोर्सो में अड्मिशन के लिए दी जाने वाली परीक्षाओ का तालमेल बिगड़ जाएगा पहले ही बोर्ड की परीक्षाओं का इंतजार करते हुये देश के विद्यार्थियों का अत्यधिक समय खराब हो चुका है 

11 - कहते है "जान है तो जहान है" इसी को ध्यान में रखते हुये सरकार की पहली प्राथमिकता देश के लाखों विद्यार्थियों की जान बचाना होना चाहिये ना कि 12वीं की बोर्ड की ऑफ लाइन परीक्षा। 

 एसोसिएशन के सुझाव --

1 .जिस प्रकार 10वीं के विद्यार्थियों को अंक देने का माध्य्म उनका इंटरनल असेसमेंट बनाया गया था उसी आधार पर शिक्षा मंत्रालय 12वीं के विद्यार्थियों को अंक देने का आधार पूर्व की परीक्षाओं में प्राप्त अंकों का इटरनल असेसमेंट कर बनाया जा सकता है। या एक कदम और आगे बढ़ाते हुये विद्यार्थियों के दसवीं और ग्यारवहीँ में की गई परफॉरमेंस को आधार बना एवं 12वीं की इंटरनल परीक्षा का असेसमेंट का बेहतर आंकलन कर नंबर अलॉट किये जा सकते है।

2 . इस समय बोर्ड की परीक्षाओं पर चिंतन में ज्यादा समय ना बर्बाद करते हुये तत्काल देश के सभी बोर्ड की 12 वी की परीक्षा रद्द करने का निर्णय लेकर रिजल्ट जारी करते हुये छात्र / छत्राओ का यूनिवर्सिटीज में प्रवेश के लिए सीट बढ़ाने में चिंतन और मनन किया जाये।

गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने देश के केंद्रीय शिक्षा मंत्री जी से 12वीं कक्षा के देश के लाखों छात्र - छात्राओं के जीवन को संकट में ना डालते हुये उपरोक्त सभी बिन्दुओ पर गंभीरता से विचार करते हुये ऑफ लाइन परीक्षा रद्द करने का निवेदन किया है।