गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने लॉक डाउन समय की फीस माफ करने के लिये सौपा ज्ञापन

गाजियाबाद। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने राज्य मंत्री  स्वतंत्र प्रभार , बेसिक शिक्षा डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी को शिक्षा के  अधिकार अधिनियम (2009) के अहम हिस्सा "नो डिटेंशन पालिसी"( NDP)के तहत अगली कक्षा में प्रमोट करने, ऑन लाइन क्लास के अनुसार फीस निर्धारण , लॉक डाउन समय (अप्रैल, मई, जून) की फीस माफ करने का आदेश प्रदेश सरकार द्वारा जारी करने के लिये सौपा ज्ञापन ।

एसोसिएशन ने डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी  राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार , बेसिक शिक्षा को कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को नो डिटेंशन पालिसी के तहत अगली क्लास में प्रमोट करने , लॉक डाउन समय ( अप्रैल , मई , जून ) की फीस माफी , एवम ऑन लाइन क्लास के अनुसार फीस निर्धारण की मांग पर प्रदेश सरकार द्वारा आदेश जारी करने के लिए ज्ञापन सौपा।  राज्य मंत्री डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी जिला शिक्षा एवम प्रशिक्षण संस्थान , के भवन का शिलान्यास करने असलातनगर , मुरादनगर आये हुये थे। ज्ञापन के माध्य्म से अभिभावको की पीड़ा बताते हुये प्रदेश सरकार को निम्न बिन्दुओ पर आदेश जारी करने के लिए अनुरोध किया गया ।

1 -  कोरोना वैश्विक महामारी के कारण पिछले 11 महीनो से बंद रहे निजी स्कूलों की फीस का निर्धारण स्कूलों द्वारा दी गई  ऑन लाइन क्लास के अनुसार किया जाये।

2 -  केंद्र सरकार द्वारा लगाए गये सम्पूर्ण लॉक डाउन समय ( अप्रैल , मई ,जून ) की एक तिमाही फीस माफी का आदेश जारी किया जाए।

3- फीस जमा ना कर पाने वाले किसी भी असक्षम अभिभावक के बच्चे का रिजल्ट ना  रोका जाए  एवम परीक्षा देने से वंचित ना किया जाए।

4-  बोर्ड की परीक्षा देने वाले छात्र / छात्राओ के एडमिट कार्ड निजी स्कूलों द्वारा ना रोके जाये।

5 - प्रदेश में सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त सरकारी विद्यालय खोले जाए जिससे कि अभिभावको की निजी स्कूलों पर निर्भरता समाप्त हो सके। 

6 -  फीस अधिनयम 2018 के अनुसार प्रत्येक जिले में गठित जिला स्तरीय शुल्क नियामक समिती को निजी स्कूलों की बैलेंस शीट जांच करने के आदेश जारी किए जाए।

 एसोसिएशन ने बताया  कि प्रदेश और जिले के निजी स्कूल लगभग पिछले 11 महीनों से कोरोना वैश्विक महामारी के कारण बंद रहे है। पिछले 11 महीनों से छात्र / छात्राओ  द्वारा स्कूल से कोई फिजिकल सुविधा नही ली गई है। जैसे - क्लास रूम स्टडी, कंप्यूटर लैब,ट्रांसपोर्ट ,प्ले ग्राउंड, पुस्तकालय, बिजली, पानी, स्टेशनरी, प्रोजेक्टर आदि। उसके बाद भी निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर पूरी फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के समस्त अभिभावको और छात्र / छात्राओ के हितों को ध्यान में रखते हुये।गजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन आपसे अनुरोध करना चाहती है। इस कोरोना वैश्विक महामारी के कारण लगभग 11 महीने से प्रदेश के सभी स्कूल पूर्णतया बंद रहे। पाठ्यक्रम को पूर्ण करने के लिए छात्र / छात्राओ द्वारा ऑन लाइन शिक्षा ग्रहण की गई, परंतु निजी स्कूलों की मनमानियों और संसाधनों के अभावो के चलते लगभग 56% छात्र / छात्राओं को ऑन लाइन शिक्षा से भी वंचित भी रहना पड़ा। इन परिस्थितियों के कारण अभिभावक और बच्चे दोनों ही मानसिक तनाव में हैं। अतः गजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन आपसे अनुरोध करती है कि विद्यार्थियों के भविष्य एवं इस महामारी के कारण उत्पन्न हुई विभिन्न व्यधियों एवं उनकी मनोस्थिति को ध्यान में रखते हुये शिक्षा के अधिकार अधिनियम (2009) के अहम हिस्सा "नो डिटेंशन पालिसी" के तहत कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को बिना परीक्षा के ही अगली क्लास में प्रमोट करने का आदेश अतिशीघ्र जारी किया जाए।  साथ ही गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन आपके सज्ञान में लाना चाहती है कि दिल्ली सरकार द्वारा दिनाँक 02/03/2021 को सर्कुलर संख्या DE/5/43/04exam/16-17/part -1 / 251-259 के माध्य्म से दिल्ली के सभी सरकारी एवं गैरसरकारी स्कूलो को कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को अगली क्लास में प्रमोट करने का आदेश जारी किया जा चुका है अतः उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा भी कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को नो डिटेंशन पालिसी के तहत अगली कक्षा में प्रमोट करने का आदेश जारी किया जाये।


जिला प्रसाशन और शिक्षा अधिकारी  केवल आश्वासन तक सीमित है जिसका फायदा उठा कर निजी स्कूलों द्वारा फीस जमा ना कर पाने वाले अभिभावको के बच्चों की ऑन लाइन क्लास रोकी दी गई, परीक्षा से वंचित किया जा रहा है।परीक्षा के रिजल्ट रोके जा रहे है एवम छात्रों के नाम काटने की धमकी दी जा रही है अभिभावको द्वारा शिक्षाधिकारीयो को शिकायत करने पर अधिकारी निजी स्कूलों पर कार्यवाई की हिम्मत नही दिखा पाते है। जिसका  फायदा उठा निजी स्कूलों के पास करोड़ों रुपये का सरप्लस फण्ड होने के बाद भी संकट के इस समय मे अभिभावको पर पूरी फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। जबकि निजी स्कूलों द्वारा लगभग 60% टीचर्स और स्टाफ को निकाला जा चुका है उत्तर प्रदेश में ही लगभग 56 % बच्चों के पास ऑन लाइन शिक्षा लेने के लिए संसाधन मौजूद नही है फीस के अभाव में प्रदेश के अनगिनत बच्चों को शिक्षा से वंचित रहना पड़ रहा है जिसके कारण शिक्षा में समानता के अधिकार का भी लगातार हनन हो रहा है गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने सभी अभिभावकों की तरफ से निवेदन किया कि ऑन लाइन क्लास के अनुसार फीस निर्धारण और लॉक डाउन समय की फीस माफी एवम कक्षा एक से आठ तक के बच्चो को शिक्षा के अधिकार अधिनियम (2009) के अहम हिस्सा नो डिटेंशन पालिसी के तहत अगली क्लास में प्रमोट करने का आदेश जारी किया जाये इस मौके पर विनय ककड़ , नरेश कसोना , जसवीर रावत , मनोज जोशी , कौशल ठाकुर , कौशलेंद्र सिंह , संजय शर्मा , हरिकिशन शर्मा , सुशील सोम , परमजीत सिरोही , विमल शर्मा , रमणीक तायल , विवेक त्यागी ,   इकबाल शर्मा , दीपक उपाध्य , मनसाराम  आदि मौजूद रहे।