घड़ो को अपनी क्रेटिव सोच , रंग व तूलिका के माध्यम से कलात्मक रूप प्रदान किया

गाज़ियाबाद। मोदीनगर के निकट शेरपुर गाँव निवासी डॉ अमित चौधरी ने घर पर पड़े घड़ो को अपनी क्रेटिव सोच , रंग व तूलिका के माध्यम से कलात्मक रूप प्रदान किया है।परम्परागत कला के प्रतिरूप घड़े को डॉ अमित चौधरी ने भारतीय लोक कला वरली पेन्टिंग शैली में चित्रित किया है।


 जिसमें सफेद लाल , पीला ,नीला व हरे रंग का प्रयोग किया है। उसके ऊपर वरली लोक कला पर आधारित भारतीय ग्राम्य जीवन पर , मोर ,घोड़ा गाड़ी , डान्स करते ग्रामीण , पानी लाती महिला , नाचता मोर , चिड़िया व कार्य करते ग्रामीणों का चित्रांकन कर घड़े को एक नया रूप प्रदान किया है तथा भारतीय लोक कला की वरली शैली को कलात्मक रूप देकर लोक कला को जीवित रखने का प्रयास किया है। डॉ अमित चौधरी का नाम चित्रकला के क्षेत्र में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है तथा अब तक वह चावल के दाने , राजमा , चने व सरसो के दाने पर पेन्टिंग बना चुके है। लिखने वाली चॉक पर निडिल के सहायता से वह भारतीय नृत्यांगना , महात्मा ग़ांधी व अन्य प्रकार की मूर्तियां बनाकर अपना परचम लहरा चुके है। डॉ अमित चौधरी ने चित्रकला के क्षेत्र में डॉ० आर० ए० अग्रवाल जी के निर्देशन में पी० एच० डी० की है तथा इनकी इस कला पर विभिन्न संस्थाओं के द्वारा पुरुस्कृत किया जा चुका है। वर्तमान में डॉ अमित चौधरी श्री हंस इंटर कॉलेज मुरादनगर में कला अध्यापक के पद पर रहकर कला के क्षेत्र में नयी पीढ़ी को विकसित कर रहे है तथा एन०सी०सी० ऑफिसर के पद पर रहकर आर्मी की नर्सरी को तैयार करने में प्रयत्नशील है।