72 साल में पहली बार देश शर्मसार तिरंगे का अपमान - बीके शर्मा हनुमान

   गाजियाबाद । विश्व ब्राह्मण संघ व अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बीके शर्मा हनुमान ने कहा कि 72 साल में पहली बार देश शर्मसार हुआ । तिरंगे के अपमान देख देश पर अपनी जान की परवाह न करने वाले देश पर कुर्बानी देने वाले आज रो रहे होंगे यह तांडव देखकर ।  हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करना ही किसान आंदोलन है तो मैं थूकता हूं ऐसे किसान आंदोलन पर, धिक्कार है ऐसे किसान आंदोलन पर यह किसान हो ही नहीं सकते । यह तो देश के गद्दार हैं इन्हें देशद्रोह के तहत गिरफ्तार कर लेना चाहिए  ।  लाल किले पर देश की आन बान शान का प्रतीक तिरंगे को उतार कर फेंक रहे देशद्रोह को फांसी की सजा होनी चाहिए । इनका किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं । क्या हमने इसी दिन के लिए आजादी ली शर्म आनी चाहिए, इन लोगों को जो खुद को किसान कहते हैं और लाल किले की प्राचीर से देश के झंडे का अपमान कर रहे हैं । ऐसे लोगों को सजा मिलनी चाहिए आंदोलनकारि लाल किले तक पहुंच गए । आंदोलनकारियों ने लाल किले पर अपना झंडा भी फहरा दिया ।  देश मंगलवार की दोपहर जब 72 वां गणतंत्र दिवस मना रहा था ।   तभी खुद को किसान बताने वाले कुछ सिरफिरे लाल किले में घुस गए और अपने झंडे फहरा  दिए । यहां 15 अगस्त 1947 से देश के प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते आये है, हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं ।  जिस प्रकार आज दिल्ली के अंदर कथित किसान रैली के नाम पर गुंडई और भारत विरोधी शक्तियों ने अपना क्रूर रूप दिखाया ।  इस कृत्य की  जितनी  भी आलोचना और निंदा की जाए वह कम है । मैं दिल्ली पुलिस को साधुवाद देना चाहता हूं कि जिन्होंने परिस्थिति को बड़ी शांति पूर्वक संयम से संभाला ।  इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व परमार्थ समिति के चेयरमैन वीके अग्रवाल ने किया । इस अवसर पर सुभाष शर्मा संजय कुशवाहा, सुजीत सिंह, देवाशीष ओझा, मिलन मंडल ,अनिल कुमार, कृष्ण कुमार ,आलोक चंद्र शर्मा, शिव कुमार सारस्वत, बीकेएस पाल, डॉक्टर डीपी नागर, ताराचंद सारस्वत, चंद्रभान सारस्वत, ज्ञान चंद्र सारस्वत ,योगेंद्र सारस्वत, महेश कुमार कौशिक आदि मौजूद थे ।