कुछ साल का इंतजार कीजिए, मेरठ-दिल्ली रोड 6 लेन की होगी

मेरठ। दिल्ली रोड अब राजमार्ग यानी हाईवे नहीं रहा पर कुछ साल बाद यह हाईवे जैसा ही सुकून देगी। अमूमन हाईवे छह लेन का होता है। तीन लेन एक तरफ और तीन लेन दूसरी तरफ। कुछ साल का इंतजार कीजिए यह रोड भी हाईवे की ही तरह छह लेन की हो जाएगी। इंतजार इसलिए क्योंकि डिवाइडर पर पिलर बनने की वजह से सड़क का काफी हिस्सा घेरा गया है। जब तक कॉरिडोर नहीं बन जाता तब तक इस रोड पर एक-एक लेन से ही काम चलाना पड़ेगा। दिल्ली रोड वर्षों पहले एनएच-58 कहा जाता। जब इस रोड पर रैपिड रेल कॉरिडोर बनाने की बात आई तो राजमार्ग के नियम बाधा बनने लगे क्योंकि हाईवे पर इस तरह से पिलर नहीं बनाए जा सकते। ऐसे में इसका राजमार्ग का दर्जा छीन लिया गया। यहां तक कि जिला रोड की श्रेणी में भी नहीं रखा गया। इसे रखा गया ओडीआर यानी अन्य जिला रोड की श्रेणी में। मतलब जिसका चाहे जैसा प्रयोग किया जा सके। कुछ समय तक इस पर कार्य कराया पीडब्ल्यूडी ने पर अब इस पर कार्य करने का अधिकार हो गया है एनसीआरटीसी का। दिल्ली रोड पर मोदीनगर व अन्य स्थानों पर जब जाम की समस्या विकराल होने लगी थी तब इसका राष्ट्रीय स्तर पर समाधान निकालने को कुछ साल पहले मंथन हुआ। दिल्ली रोड उस वक्त राजमार्ग था पर रैपिड रेल परियोजना पर भी काम होना था। ऐसे में इसका निर्माण एनएचएआइ नहीं कर सकता था पर दिल्ली जाने की समस्या का भी समाधान करना था। ऐसे में उपाय निकाला गया कि मेरठ को डासना में दिल्ली जाने वाली रोड से जोड़ दिया जाए। चूंकि डासना से दिल्ली तक एक्सप्रेस-वे पहले से ही प्रस्तावित था।