साइबर अपराधियों ने नौकरी का झांसा देकर ठगे 43 लाख रुपये

इंदौर।कॉलेज और नामी संस्थानों से पढ़ाई पूरी करने वाले लाखों रुपये खर्च कर युवक-युवतियां इंटरनेट पर ठगी के शिकार हो रहे हैं। ठगने वाले आरोपित नौकरी तलाश रहे इन बेरोजगारों के बैंक खाते, ई-वॉलेट और एटीएम कार्ड की जानकारी हासिल कर आसानी से रुपये निकाल लेते हैं। इंदौर क्राइम ब्रांच ने ऐसे 29 साइबर अपराधियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। आठ राज्यों में बसे इन ठगों का पूरे देश में नेटवर्क फैला हुआ है। ये मात्र 10 रुपये में रजिस्ट्रेशन से शुरुआत करते हुए धीरे-धीरे लाखों रुपये ऐंठ लेते। अभी तक 43 लाख रुपये की धोखाधड़ी का पता चला है।आरोपितों ने स्वयं को वेबसाइट का प्रतिनिधि, बड़ी कंपनी का हेड, मैनेजर बताकर चर्चा की और एक निश्चित प्रोफार्मा भरने के निर्देश दिए। ठगों ने बेरोजगारों को रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया समझाने के बाद ऑनलाइन 10 रुपये शुल्क भरने को कहा। जैसे ही आवेदक ने ऑनलाइन शुल्क जमा किया खाते से हजारों रुपये निकल गए। ऐसा पूरे देशभर के बेरोजगार युवक-युवतियों के साथ सालों से हो रहा है।इंदौर के डीआइजी हरिनारायणाचारी मिश्रा के मुताबिक, ठगी के शिकार तपन कुमार, रंजू राठौर, धर्मेद्र लोखंडे, मोनिका खिलरानी, आरती राव, सुमित रायपुरिया, दीपक पंवार, रजनीश कुमार, ललन शर्मा सहित अन्य ने शिकायत दर्ज करवाई है कि पढ़ाई पूर्ण होने के बाद वे नौकरी तलाश रहे थे। उन्होंने नौकरी डॉट कॉम, साइन डॉट कॉम जैसी वेबसाइट पर बायोडाटा शेयर किया था।पुलिस ने पहली जांच में 29 लोगों को चिह्नित कर लिया है। पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि आरोपित बड़े होटल, नामी कंपनी और खाड़ी देशों में नौकरी का झांसा देते थे। छानबीन करने पर पता चला कि गिरोह के सदस्य दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश से संबंधित हैं।