अनथक, अनवरत जन सेवा में समर्पित व् प्रेरक श्री सतपाल महाराज

अनथक, अनवरत जन सेवा में  समर्पित व् प्रेरक श्री सतपाल महाराज अपने संसाधन, अपनी संस्था,अपना संगठन और अपने स्वयं सेवक किसके लिए? यह सब समाज का है और समाज के लिए है,इनका सही और सुदृढ़ उपयोग कैसे किया जाना चाहिए? कब और किसके लिए किया जाना चाहिए?यह सब कर दिखाया है "श्री सतपाल महाराज" ने देश में चाहे प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप और अति वर्षा हो या जन जागरण का कार्य राष्ट्र और जनता के हित में जो भी बन सकता है वह सब तथा ज़रूरत मंद लोगों के लिए श्री महाराज जी ने निजी स्तर पर हर समय अपनी संस्था और संसाधनों को 
बे-झिझक राष्ट्रीय राहत कार्यों व जनता की भलाई में लगाया है। अनवरत पहले की भांति श्री महाराज जी ने इस कोरोना काल के दौरान भी अपनी संस्था के कार्यकर्ताओं को पूरे देश में अलग अलग स्थानों पर राहत सामग्री वितरण के कार्य में लगाया साथ ही स्वयं अपने घर में सिर्फ़ वीडियो जारी करके  ही नहीं बल्कि बाहर निकल कर हज़ारों ज़रूरत मंद लोगों तक अपने हाथों से आवश्यक सामग्री वितरित की है। उन्होंने अपने प्रेम नगर आश्रम में हज़ारों लाचार मज़दूरों के हफ़्तों तक रहने और खाने की निशुल्क व्यवस्था चलाई जो कि अभी भी जारी है। जो व्यक्ति अपने आश्रम और संस्था के दरवाज़े आम नागरिक की सुविधाओं के लिए 24 घंटे खुलवाकर रखे उनके इस अपूर्व मानव हितकारी सेवा कार्य से हमें प्रेरणा लेकर अपने हर संसाधन और सामग्रियों का दीन दुखी और लाचार जनता के बीच जाकर दिल खोलकर उनकी सेवा में उपयोग करना चाहिए जिससे हम एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकें।