गाज़ियाबाद। नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत के चलते लोहिया नगर, लाल क्वार्टर, पीले क्वार्टर के लोग गंदा पानी पीने को मजबूर है उनकी इस मजबूरी का कारण संबंधित विभागों का एक औद्योगिक इकाई के सामने नतमस्तक होना है ।कई बार स्थानीय क्षेत्र के लोग आवाज उठा चुके हैं, लेकिन इस औद्योगिक इकाई की हनक के सामने विभाग व अधिकारियों के कान बंद हो जाते हैं।
आलम यह है कि उपरोक्त क्षेत्र के लोगों को गंदा पानी पीना पड़ रहा है, जिसका उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है एक और जहां पानी मूलभूत सुविधाओं में आता है और इसे मुहैया कराना सरकार व नगर निगम का दायित्व होता है कि वह लोगों को किसी भी कीमत पर स्वच्छ जल उपलब्ध काराये, लेकिन यहां पर एक कंपनी की ताकत के सामने क्षेत्रवासी यो के मौलिक व मूलभूत अधिकारों का हनन किया जा रहा है क्षेत्र के लोगों में काफी रोष व्याप्त लेकिन इससे शायद नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग पर कोई फर्क पडता नहीं दिख रहा है। इस गंदे पानी के सेवन से लोहिया नगर के लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं पानी मनुष्य के जीवन का अंग है जिसे किसी भी हालत में उससे दूर नहीं किया जा सकता क्योंकि खाने-पीने साफ सफाई नहाने धोने सभी में पानी का उपयोग होता है। स्वच्छ पानी पर ही लोगों की सेहत निर्भर होती है लेकिन अगर आप गंदे पानी का सेवन करते हैं तो यही पानी आपको गंभीर रूप से बीमार बना सकता है। गंदा पानी पीने की वजह से आप कई तरह की बीमारियों और इंफेक्श की चपेट में आ सकते हैं, लेकिन लोहिया नगर लाल क्वार्टर पीले क्वार्टर और आसपास की अन्य कॉलोनी में गंदा पानी पीने के लिए लोग मजबूर हैं। जिसका करण श्रीराम पिस्टन कंपनी है जो की अपनी फैक्ट्री का गंदा पानी जमीन में छोड़ती है। जिसके कारण आसपास की कॉलोनी में सप्लाई का पानी बिल्कुल गंदा हो जाता है जो कि पीने योग्य नहीं है। श्रीराम पिस्टन कंपनी के संचालक इतने शातिर है की लोहिया नगर के एक पार्क में एक अलग से पानी का प्लांट लगाया हुआ है। जिसका पानी केवल लोहिया नगर में उद्योगपतियों के घरों में फ्री सप्लाई होता है ताकि कोई उद्योगपति उनके खिलाफ आवाज ना उठाएं बाकी आम जनता जाय भाड़ में इस फैक्ट्री के मालिक को या किसी भी अधिकारी को कोई फर्क नहीं पड़ता।