हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर वैकुंठ मीडिया ग्रुप द्वारा आयोजित संगोष्ठी में पत्रकारों ने किया एकजुटता का आहवान

गाजियाबाद। वैकुंठ मीडिया ग्रुप द्वारा नवयुग मार्किट स्थित दैनिक न्यूज स्पीक्स कार्यालय पर हिन्दी पत्रकारिता दिवस के मौके पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें वक्ताओं ने पत्रकारिता के गिरते स्तर पर चिंता जताते हुए वरिष्ठ पत्रकारों ने नवोदित पत्रकारों को वर्तमान पत्रकारिता की चुनौतियों का मुकाबला निष्पक्षता व निडरता से करने का आहवान किया।पत्रकारिता के स्तर में गिरावट के लिए भी पत्रकारों को ही जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पत्रकारिता एक साधना है,इसमें सच्चाई व ईमानदारी की बहुत अधिक आवश्यकता है,लेकिन आज पत्रकारिता का रूप चाटुकारिता बनता जा रहा है। इसमें सुधार किया जाना चाहिए।वक्ताओं नेकहा कि आज के दौर में पत्रकारिता करना भले ही जोखिम भरा कार्य है लेकिन हमेशा सच्चाई की ही जीत होगी।पत्रकार निष्पक्षता के साथ तथ्यों के आधार पर पत्रकारिता करेंगे तो समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा और पत्रकारिता की गरिमा में भी सु्धार हो सकेगा।वक्ताओं ने पत्रकारों का आहवान किया कि पत्रकार पत्रकारिता की गरिमा को ध्यान में रखकर सच्चाई को उजागर करें,तभी सही मायनों में समाज और देश का विकास हो सकेगा।वक्ताओं ने पत्रकारों पर बढ़ते हमले व झूठे मुकदमों पर चिंता जताते हुए कहा कि हम सभी को आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट होकर न्याय पाने के लिए संघर्ष करना चाहिए।

संगोष्ठी के वक्ताओं  में वरिष्ठ पत्रकार राधा रमन,आलोक यात्री,राज कौशिक, महकार सिंह,अजय जैन,मधु शर्मा, नागेन्द्र त्रिपाठी कार्यक्रम के आयोजक दैनिक न्यूजस्पीक्स के प्रधान संपादक शुभम तोमर ने सभी अतिथियों   को माला व पटका पहनाकर सम्मानित किया।कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार अजय शर्मा ने किया।इस मौके पर सभी पत्रकारों का परिचय कराया गया।संगोष्ठी में प्रमुख रूप से वरिष्ठ  पत्रकार सुनील शर्मा,सचिन त्यागी,अजय रावत,ताहिर अली,यासीन हुसैन,मुकेश गुप्ता,लायक हुसैन,उमेश कुमार, नरेश सिंघानिया,शौएब सलमानी,मोहित चौधरी, अपूर्वा चौधरी,नागेन्द्र त्रिपाठी,दीपक शर्मा,बबली,सविता शर्मा,आशा चौधरी,चन्द्रजीत सिंह,अनीस अंसारी,फारूख मंसूरी,शमशाद मसूदी,मौलाना अब्दुल रसीद,मुहम्मद नसीम,अभिनय राय,मुहम्मद तालिम,राजा शर्मा,अमित शर्मा,अमित शुक्ला आदि मौजूद रहे।        


संगोष्ठी के प्रमुख वक्ताओं में वरिष्ठ पत्रकार राज कौशिक ने कहा कि वर्तमान समय में पत्रकारिता में काफी बदलाव आया है।आज पत्रकारिता करना जोखिम भरा कार्य हो गया है,लेकिन इन चुनौतियों के बीच से ही रास्ता निकालते हुए अपने पत्रकारिता के दायित्व को निभाना है।पत्रकारिता को ही समाज का आइना कहा जाता है,निष्पक्षता  के साथ ही सच्चाई को उजागर करना ही सच्ची पत्रकारिता है।उन्होंने कहा कि हमें कभी भी अपने मार्ग से विचलित नही होना चाहिए और पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ अपने कार्य को करना चाहिए।                                                  

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार आलोक यात्री ने कहा कि अखबारों के पाठकों की संख्या निरंतर कम होती जा रही है।इसका सबसे प्रमुख कारण यह है कि सोशल मीडिया का चलन ज्यादा होने से युवा पत्रकार अपने कार्य को लेकर उदासीन नजर आ रहे हैं।सही मायनों में पत्रकारिता हो ही नहीं रही है।खबरों का स्थान कार्यक्रमों ने ले लिया है।कहीं न कहीं खोजी पत्रकारिता में कमी आई है।लोकल अखबारों में तो अधिकतर प्रायोजित कार्यक्रम ही अखबारों में दिखाई दे रहे हैं।इस तरह की पत्रकारिता चिन्ता का विषय है।इसमें सुधार की जरूरत है।

 वरिष्ठ पत्रकार महकार सिंह ने कहा कि आज के समय में पत्रकारिता में काफी बदलाव आया है।मिशन से शुरू हुई पत्रकारिता आज व्यवसाय का रूप ले चुकी है।आज इसका विस्तार रूप देखने को मिल रहा है।इस बदलते परिवेश में हमें भी खुद बदलने की जरूरत है। समय के साथ ही हमें अपने ज्ञान का भी विस्तार करना है।आज सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने रोजगार के भी रास्ते आसान किए हैं।आप अपनी क्षमता व योग्यता का यहां सही उपयोग कर सकते हैं।हताश न हो कर हौसले के साथ अपने कार्य को ईमानदारी व सच्चाई के साथ करें।

 वरिष्ठ पत्रकार राधा रमन ने कहा कि पत्रकारिता धन कमाने का साधन नहीं है।यह आजादी से आज तक मिशन के रूप में देखा गया है।उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जो इसके माध्यम से धन कमाने आए हैं,वह पत्रकारिता न करें।पत्रकार समाज की बुराईयों को उजगार करता है।पत्रकारों में आए बदलाव के कारण ही पत्रकारिता की गरिमा प्रभावित हो रही है।युवाओं को इस गरिमा का ध्यान रखते हुए सच्चाई के साथ चलना होगा तभी पत्रकारिता का धर्म निभाया जा सकता है।सही दिशा मे किए गए कार्य के सार्थक परिणाम निकलते हैं।

संगोष्ठी में बोलते हुए एक समाचार पत्र की संपादक मधु शर्मा ने कहा कि पत्रकारिता में आज काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। आज पत्रकारिता का स्थान चाटुकारिता ने ले लिया है।सही को सही कहने की हिम्मत बहुत कम लोग जुटा पा रहे हैं।हमें हमेशा सच्चाई का साथ देते हुए सही को सही लिखना चाहिए।पत्रकार बिना किसी दबाव के निडरता के साथ पत्रकारिता करें। 

दैनिक न्यूज स्पीक्सस के प्रधान संपादक व कार्यक्रम के आयोजक शुभम तोमर ने कार्यक्रम में आए सभी लोगों का आभार जताते हुए कहा कि पत्रकारों का उत्पीडन अब नहीं होने दिया जाएगा,इसके लिए हम सभी को एकजुट होकर संघर्ष करने की जरूरत है।आज पत्रकारों को सबसे ज्यादा निशाना बनाया जा रहा है।आए दिन पत्रकारों पर हमले और रंगदारी के मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। पत्रकारों को अपनी लडाई मजबूती के साथ लडने के लिए संगठन के बैनर तले अपनी लडाई को लडना होगा।उन्होंने कहा पत्रकारों पर मुकदमे लगाने से पहले पुलिस प्रशासन को इसकी जांच करनी चाहिए।जांच के बाद दोषी पाए जाने पर ही कार्रवाई की जाए। किसी भी पत्रकार का अब शोषण नही होने दिया जाएगा।वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार नागेन्द्र त्रिपाठी ने निष्पक्ष पत्रकारिता पर बल दिया व सामने आई चुनौतियों का डटकर सामना करने का आह्वान किया। वरिष्ठ पत्रकार अजय जैन ने कहा कि पत्रकारों को एकजुटता के साथ सभी का सहयोग करना चाहिए। पत्रकारिता पूरी ईमानदारी से करते हुए समाज को नई दिशा देने का कार्य करना चाहिए।आम आदमी की आवाज को हमे प्रमुखता के साथ उठाना चाहिए जो उम्मीद आम आदमी को पत्रकारों से होती है उसे हमें पूरा करना चाहिए।सरकार की नीतियों में बदलाव के कारण अखबार चलाने में  काफी परेशानी आज सामने आ रही है।