गाज़ियाबाद। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार लायलपुर इंजीनियरिंग नाम की एक कंपनी जो बजरिया गाजियाबाद स्थित है।जो सुरेंद्र वर्मा पुत्र सूरजमल के नाम से थी जिसे सुरेंद्र वर्मा ने श्रीमती सरला त्यागी पत्नी श्री सुभाष त्यागी व अन्य को बेच दी थी। इस जमीन को चंद्रसेन पुत्र स्वर्गीय कुंदन सिंह संभल निवासी को रहने व देखभाल के लिए दे दी। रिपोर्ट के अनुसार चंद्रसेन ने नगर निगम के कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों से सांठ गांठ कर नगर निगम की कर भुगतान की रसीदों में अपना नाम अंकित करा लिया तथा उक्त जमीन पर एक तरफ़ा अपना अधिकार बना लिया। यहां तक कि वह जमीन 9 फरवरी 2024 को संभल निवासी को 10:50 करोड रुपए में बेचने का अनुबंध भी कर लिया। जब इस कृत्य का सरला त्यागी को पता चला तो सुरेंद्र वर्मा व सरला त्यागी ने संबंधित न्यायालय में अपना दावा प्रस्तुत किया तथा बताया कि फर्जी रसीद व मूल प्रमाण पत्रों के आधार पर चंद्रसेन उक्त जमीन का सौदा कर रहा है तब चंद्रसेन ने उक्त जमीन पर न्यायालय से स्टे ले लिया जो कि बाद में न्यायालय ने स्टे निरस्त कर दिया । चंद्रसेन पर आरोप है कि उसने उक्त जमीन पर बने अन्य कमरों के भी ताले तोड़कर अपने कब्जे में ले लिये। यह प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है।
इस संदर्भ में जब नगर निगम से सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत अधिवक्ता पुलकित मित्तल द्वारा जानकारी मांगी गई की किस आधार पर चंद्रसेन के नाम टैक्स भरने की रसीद काटी गई तब निगम ने कोई जवाब नहीं दिया।
सूत्रों द्वारा जानकारी मिली है कि चंद्रसेन व अन्य साथियों के साथ सांठ गांठ कर उक्त जमीन को किसी और को बेचने की तैयारी कर रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर निगम अब इस संदर्भ में चंद्रसेन का नाम भुगतान रसीदों से काटने की तैयारी कर रहा है।