ग़ाज़ियाबाद। देहरादून पब्लिक स्कूल पर पिछले 7 दिन से बैठे अभिभावकों को आज उम्मीद की किरण दिखाई दी। जब उनकी विधान सभा के विधायक अजीत पाल त्यागी और पूर्व महापौर आशु वर्मा ने धरना स्थल पर पहुंचकर सबसे पहले अभिभावकों और स्कूल के गेट पर पढ़ाई कर रहे बच्चो से वार्ता की उसके बाद दोनो जनप्रतिनिधि स्कूल प्रबंधन से भी वार्ता करने गए तो पता चला स्कूल प्रबंधन ने तत्काल अपने वकील को बुला लिया। दोनो ही जनप्रतिनिधियों ने जब बच्चो की कक्षा में जाकर देखा तो आज भी बच्चो को अलग रूम में बिठाया हुआ था और उनकी पढ़ाई नही कराई जा रही थी। जब स्कूल प्रबंधन से उन्होंने पूछा कि इनकी पढ़ाई क्यों नही कराई जा रही है , तो स्कूल का पुराना रटा रटा जबाव समाने था स्कूल दोनो ही जनप्रतिनिधियों के सामने बच्चो को मधुबन बापूधाम में भेजने पर अड़ा था। जिसपर विधायक अजीत पाल त्यागी और आशु वर्मा गुस्से से लाल हो गए और स्कूल को खुली चेतावनी दी की यहां से कोई भी बच्चा मधुबन बापूधाम नही भेजा जायेगा , चाहे अब स्कूल प्रबंधन कितना ही जोर लगा ले और बिना चाय और पानी पिये ही स्कूल से उठकर बाहर आ गए और बाहर आकर धरना स्थल पर बैठे अभिभावकों से कहा की आपकी मांग जायज है और अब ये लड़ाई हमारी है, आपके किसी भी बच्चे को हम मधुबन बापूधाम नही भेजने देगे । हमने आज खुद देखा है की स्कूल प्रबंधन की हट नाजायज है हम अभिभावकों को न्याय दिलाकर ही चैन से बैठेंगे।
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी और सचिव अनिल सिंह का कहना है की अब देखना यह की सत्ता पक्ष के दोनो ही मजबूत नेता स्कूल प्रबंधन के अहंकार को तोड़कर अभिभावकों को न्याय दिला पाते है या नही , हमारी लड़ाई न्याय के लिए है। हमने देश का सबसे मजबूत दरवाजे प्रधानमंत्री कार्यालय पर भी अभिभावकों की पीड़ा को पहुंचा दिया है।