जीपीए के प्रयासो से जारी हुआ बोर्ड परीक्षा का प्रवेश पत्र

गाजियाबाद। जीपीए को प्रदेश में एक ऐसी संस्था के रूप में जाना जाता है जो प्रदेश में निजी स्कूलों के शोषण के खिलाफ अभिभावको एवम छात्र- छात्राओं के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करती है, इसी का एक और प्रमाण हमे देखने को मिला जब जिले के नामी स्कूल इंदिरापुरम पब्लिक स्कूल ,प्रताप विहार , विजय नगर जिसमे अभिभावक अनुपम गुप्ता जिसकी पुत्री कक्षा 12 की छात्रा है और उसकी आज दिनाँक 22-02-2024 को बोर्ड की परीक्षा होनी थी लेकिन छात्रा के पिता की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वो स्कूल की पूरी फीस जमा नही कर पाए लेकिन ऐसा नही था कि वो स्कूल की फीस नही देना चाहते थे। 

उन्होंने स्कूल प्रबंधन को 28-02-2024 का 25000 रुपये का चैक देने और बाकी बची फीस हर हालत में मॉर्च तक जमा करने के लिए अनुरोध किया लेकिन उसके बाद भी स्कूल पूरी फीस जमा होने पर ही एडमिट कार्ड देने पर अड़ा रहा और छात्रा का बोर्ड परीक्षा का एडमिट कार्ड नही दिया गया क्योकि परीक्षा आज होनी थी। इसलिये छात्रा और उनके पिता गहरे मानसिक तनाव में आ गये छात्रा एडमिट कार्ड नही मिलने के तनाव में ठीक प्रकार से पढ़ भी नही पा रही थी। जिसके बाद उन्होंने प्रमुख समाचार पत्र के वरिष्ट संवादाता के कहने पर गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन से 20-02-2022 की रात लगभग 8 बजे संपर्क किया और सारी पीड़ा बताकर बच्ची की बोर्ड परीक्षा कराने की गुहार लगाई जिस पर जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी द्वारा छात्र के पिता को आश्वस्त किया गया कि आप निश्चित रहे आपकी बेटी बोर्ड की परीक्षा हर हालत मे देगी चाहे हमे उसके लिये कुछ भी करना पड़े  और सुबह 9 बजे जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी द्वारा स्कूल की प्रधानाचार्या के नाम पत्र ड्राफ्ट कर भेजा गया किया और उसकी प्रतिलिपि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और आयोग के चेयरमैन को भेजी गई।  जिसके बाद लगभग 11बजे  स्कूल द्वारा जीपीए की मेल पर नीडफुल कार्यवाई करने के लिए पत्र भेजा लेकिन दोपहर 12 बजे तक छात्रा का एडमिट कार्ड नही दिया समय तेजी से निकलता जा रहा था इसलिये पेरेंट्स का परेशान होना स्वाभाविक था लेकिन हम आश्वस्त थे कि स्कूल को हर हालत में एडमिट कार्ड देना ही होगा हमने पेरेंट्स को स्कूल भेजा तो स्कूल प्रबंधन द्वारा उन्हें 1.30 बजे स्कूल दोबारा आने के लिए बोला गया हम समझ चुके थे कि जीपीए के पत्र का असर होना शरु हो गया है लेकिन इस बीच हमने प्रयास जारी रखे और सीबीएसई और आयोग से बात की गई जिस पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा लगभग 2.28 बजे स्कूल को एडमिट कार्ड के लिये पत्र भेजा गया और आयोग द्वारा भी स्कूल को फोन किया गया। जिसके बाद जो स्कूल पेरेंट्स से बात करने के लिए तैयार नही था। उसी स्कूल ने पेरेंट्स को फोन कर बुलाया और लगभग 3 बजे छात्रा का एडमिट कार्ड दे दिया । हमारे प्रयास सफल हुये जिसके परिणामस्वरूप आज छात्र अपनी बोर्ड की परीक्षा दे रही है।