गाज़ियाबाद। एनजीओ के अध्यक्ष तौसीफ हाशमी ने बताया कि एक पीड़ित व्यक्ति एनजीओ से मदद मांगने के लिए आया और उसने बताया कि उसकी बेटी को उसके पति ने छोड़ रखा है और कोई खर्चा नहीं देता पीड़ित की नातिन एक नामी स्कूल में दसवीं की छात्रा है।
पीड़ित ने 11 साल तक उसको पढ़ाया और लगातार फीस जमा की लेकिन पीड़ित अब 75 वर्ष का बुजुर्ग है और सालों से काफी बीमार है और आय का भी कोई साधन नहीं है इसके चलते काफी दिनों से स्कूल की फीस नहीं भर पाए जिसके कारण स्कूल की फीस लगभग ₹25000 हो गई अब स्कूल प्रबंधक पीड़ित की नातिन को एडमिट कार्ड नहीं दे रहा था स्कूल स्टाफ कह रहा था कि पहले फीस जमा करो उसके बाद एग्जाम के लिए एडमिट कार्ड दिया जाएगा। जिसके लिए पीड़ित ने एनजीओ से मदद की गुहार लगाई पीड़ित को एनजीओ द्वारा जिलाधिकारी महोदय के पास भेजा गया जिलाधिकारी महोदय ने न केवल फीस माफ कराई बल्कि आगे की पढ़ाई के लिए भी स्कूल प्रबंधक को आदेश दे दिए। पीड़ित जिला अधिकारी महोदय एवं एनजीओ के अध्यक्ष को दिलों से दुआ दे रहा है वही एनजीओ के अध्यक्ष ने भी जिलाधिकारी को धन्यवाद देते हुए उनका आभार व्यक्त किया।