जीपीए को मुख्य विकास अधिकारी ने निष्पक्ष जाँच के लिए किया आश्वस्त

गाजियाबाद। जीपीए ने जिला विद्यालय निरीक्षक पर लगाये गये भ्रष्टाचार के आरोपो की जाँच प्रक्रिया में तेजी के लिए जिलाधिकारी द्वारा नियुक्त जाँच अधिकारी अभिनव गोपाल से कार्यलय में मुलाकात की। जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने गंभीरता दिखाते हुये उनके द्वारा नियुक्त तीनो अधिकारियों को तत्काल अपने कार्यलय में बुलाया और तीनों अधिकारियों से जाँच का विवरण मांगा जिस पर जांच अधिकारियों ने कहा कि हमने साक्ष्यों को लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक को लगभग चार पत्र भेजे है लेकिन उन्होंने एक का भी जबाब नही दिया। जिस पर सीडीओ ने नाराजगी जताते हुये जांच अधिकारियों को निर्देशित किया सभी शिकायत कर्ताओं को एक बार कार्यलय में बुलाकर उनसे बात कर जिला विद्यालय निरीक्षक को फाइनल पत्र भेजकर जबाब मांगा जाये और अगर डीआईओएस उसके बाद भी जबाब नही देते है तो हम निश्चित तौर पर कार्यवाई करने के जिलाधिकारी को अपनी जांच रिपोर्ट भेजेंगे।

 सीडीओ ने इस गंभीर विषय पर जीपीए से सकारात्मक चर्चा की जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी और नरेश कुमार द्वारा बताया गया कि  दिनाँक 18-09-2023 को पत्रांक संख्या 1292 के माध्य्म से राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के कर्मचारी द्वारा लगाए गए संगीन आरोपो की जांच के लिये जिलाधिकारी से अनुरोध किया गया था कर्मचारी द्वारा नोकरी खोने के डर से शिकायती पत्र में अपना नाम गोपनीय रखा था । जीपीए के पत्र का सज्ञान लेकर जिलाधिकारी महोदय ने पृष्ठांकन संख्या 489/ एस. टी.-डी. एम दिनाँक 18-09-2023 को मुख्य विकास अधिकारी से जाँच आख्या मांगी गई थी जिस पर सीडीओ ने पत्र संख्या 256/ एस. टी.- सी.डी.ओ / 25-09-2023 के द्वारा 1. जिला विकास अधिकारी 2. जिला कार्यक्रम अधिकारी 3. जिला उद्यान अधिकारी तीन सदस्य जाँच कमेटी का गठन किया गया था । तदुपरांत जीपीए को जिला विद्यालय निरीक्षक पर भ्रष्टाचार और शोषण की अनेको शिकायत प्राप्त हुई है थी जिस पर जीपीए ने डीआईओएस पर लंबित जांच में इन शिकायतों को भी सम्मलित कर जाँच प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था लेकिन लगभग 4 महीने बीत जाने के बाद भी जांच प्रक्रिया पूर्ण नही हुई है इसलिये जीपीए ने आज सीडीओ से मुलाकात कर जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अनुरोध किया है सीडीओ द्वारा प्रकरण पर गंभीरता दिखाने के लिए हम धन्यवाद देते है और हमने आश्वश्त किया कि अगर सभी शिकयतकर्ताओ को बयान के लिए बुलाया जायेगा तो वो सभी बिना किसी हिचक के साक्ष्यों के साथ उपस्थित होंगे।