ओम बिरला ने "राष्ट्रीय शिक्षा नीति " पर शिक्षक समुदाय को किया संबोधित

नई दिल्ली। भारत मे शिक्षकों के सबसे बड़े संगठन अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की देख रेख में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी टीचर्स फोरम ने 15-16 फरवरी को भारत की राजधानी नई दिल्ली के मध्यप्रदेश भवन में उच्च शिक्षा प्रणाली एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, " राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का एक राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य",  का आयोजन किया गया।

 जिसमे लोकसभा के अध्य्क्ष ओम बिरला ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के साथ साथ आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में शिक्षक समुदाय को संबोधित किया। लोकसभा के  अध्यक्ष ओम बिड़ला और ए.आई.सी.टी.ई. के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) टी.जी. सीताराम कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहे ।

मुख्य अतिथि  लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर अपने संबोधन में कहा कि हम आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ रहे हैं और अपने ज्ञान के आधार पर 25 वर्षों के भीतर हर क्षेत्र में हम विश्व नेता बन जाएंगे। उन्होंने राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने और युवाओं को राष्ट्रवाद की भावना से ओत-प्रोत करने के लिए ए.बी.आर.एस.एम. के निरंतर  प्रयासों की सराहना की। साथ ही ए.बी.आर.एस.एम. के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. जे.पी. सिंघल ने  राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य एक ऐसी शिक्षा नीति बनाना है। जिसका आधार ज्ञान हो और जिसके माध्यम से विकसित भारत का निर्माण हो । ए.आई.सी.टी.ई. के अध्यक्ष प्रोफेसर टी.जी.सीताराम ने उच्च शिक्षा प्रणाली में नवाचार पर प्रकाश डालते हुए सत्र की शुरुआत की। कार्यक्रम के दूसरे दिन, संवाद सत्र के दौरान  प्रो नारायण लाल गुप्ता ने ए.बी.आर.एस.एम. का परिचय दिया. उन्होंने कहा कि ए.बी.आर.एस.एम. सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में के.जी. से पी.जी. तक शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाला एकमात्र संगठन है, जिसके 12 लाख से अधिक सदस्य हैं।  ए.बी.आर.एस.एम. का ध्येय वाक्य है "राष्ट्र के हित में शिक्षा, शिक्षा के हित में शिक्षक और शिक्षक के हित में समाज"।

दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो. के.के. अग्रवाल ने उच्च शिक्षा प्रणाली में चुनौतियों और राष्ट्रीय महत्व के संस्थान की भूमिका (अमृत काल विजन 2047 के दौरान) पर जोर दिया। संगोष्ठी के अंतिम सत्र में, यू.पी.एस.सी. के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डी. पी. अग्रवाल ने  राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन के लिए एक रोडमैप साझा किया। यह संगोष्ठी सात सत्रों में संपन्न हुई।

कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर प्रमोद एम. पडोले निदेशक एन.आई.टी. नागपुर, प्रोफेसर हीरालाल मुरलीधर सूर्यवंशी निदेशक एन.आई.टी. हमीरपुर, प्रोफेसर मणिकांत पासवान निदेशक संत लोंगवाल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, प्रोफेसर भोलाराम गुर्जर निदेशक एन.आई.टी.टी.टी.आर. चंडीगढ़, प्रोफेसर विनोद कुमार कनौजिया निदेशक एन.आई.टी. जालंधर, प्रो. एन. वी. रमन्ना राव, एन.आई.टी. रायपुर, डॉ. वी. एस. पांडेय व डॉ. हरीश कुमार डीन फैक्ल्टी वेल्फेयर, दिल्ली एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ से श्री महेंद्र कपूर राष्ट्रीय संगठन मंत्री, श्री महेंद्र कुमार राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष, श्री जी. लक्ष्मण सह-संगठन मंत्री, डॉ. नारायण लाल गुप्ता अतिरिक्त महामंत्री, डॉ. गीता भट्ट, सचिव उच्च शिक्षा उपस्थित रहे ।