जिला विद्यालय निरीक्षक कराये कोर्ट के 15% फीस वापसी का शत प्रतिशत अनुपालन - सीमा त्यागी

गाज़ियाबाद। माननीय न्यायालय द्वारा कोरोना काल मे  शिक्षा सत्र 2020-21 की 15 % फीस वापसी के आदेश को दिए एक साल से ज्यादा का समय बीत गया है और माननीय उच्च न्यायालय द्वारा भी 15% फीस वापसी की सभी अड़चनों पर विराम लगा दिया है उसके बाद भी जिले के अनेको स्कूलो द्वारा पेरेंट्स को फीस वापस नही की गई है जबकि शिक्षा सत्र लगभग समाप्त होने को है जो पेरेंट्स 15 फीस को काटकर फीस जमा करने की बात कर रहे है स्कूल उनके बच्चो को परीक्षा देने से रोकने की धमकी दे रहे है कुछ स्कूल तो ऐसे है जो कहते है की उन्हें कोर्ट के आदेश की जानकारी नही है जो सरासर अन्याय है स्कूलो को जानकारी के लिए में कुछ बिंदुओं के माध्य्म से स्पष्ट करना चाहती हूँ।


1.  पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में जनहित याचिका 796/2021 दायर की गयी थी जो कि जनहित याचिका संख्या 576/2020 से जोड़ी गयी थी।

2.  उपरोक्त याचिका को दिनांक 06 जनवरी 2023 को माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद कि डिवीज़न बेंच ने सुना जिसके अध्यक्ष माननीय मुख्य न्यायधीश श्री राजेश बिंदल जी थे व सदस्य जस्टिस श्री जे0जे0 मुनीर जी थे।

3.   डिवीज़न बेंच द्वारा जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मेरिट के आधार पर प्रदेश के समस्त स्कूलों को कोरोना काल में शिक्षा सत्र 2020-2021 की फीस का 15% समायोजित /वापसी का आदेश दिया गया है तथा इस प्रक्रिया को 2 माह में पूरा करने का भी आदेश दिया गया है जो की 06 मार्च 2023 को पूरा हो गया है।

4.  माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश दिनांक 06 जनवरी 2023 के क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 16 फ़रवरी 2023 को इस सम्बन्ध में निर्देश जारी किये गए है एवं इसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक गाजियाबाद द्वारा 17 फ़रवरी 2023 को 15% फीस वापसी का एक पत्र समस्त विद्यालयों को  किया गया है| उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी शासनादेश संख्या रिट-15/ 15-07-2023 दिनांक 16 फ़रवरी 2023 के पैरा संख्या 4 के पॉइंट नम्बर 1 में आदेश है कि “उत्तर प्रदेश में संचालित समस्त बोर्डो के समस्त विद्यालयों द्वारा शासनादेश दिनांक 27-04-2020 द्वारा निर्धारित शुल्क दरों के अनुसार सत्र 2020-21 के लिए गए शुल्क की 15 प्रतिशत आगणित धनराशी को वर्तमान शैक्षिक सत्र में समायोजित किया जाये तथा विद्यालय से अध्यानोप्रान्त अथवा विद्यालय को छोड़ कर जाने वाले विद्यार्थियों को उक्तानुसार धनराशी वापस कर दी जाये” अर्थात यह कार्य 31 मार्च 2023 तक हो जाना चहिये था| इस आदेश के बावजूद भी गाजियाबाद के अधिकतर निजी स्कूलो ने शिक्षा सत्र 2022-23 में इस आदेश का पालन नहीं किया।

5.   माननीय सर्वोच्च न्यायालय में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के समस्त स्कूलों को कोरोना काल वर्ष 2020-21 में 15% छूट के आदेश को चैलेंज करने वाले "इंडिपेंडेंट स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया " ने चैलेंज करते हुए याचिका (एस•एल•पी•) दाखिल की थी, डायरी नम्बर 14442/2023. माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 16-05-2023 को सुनवाई करते हुए निम्लिखित अंतरिम आदेश दिए :-

·  ◆  4 साल की बैलेंस शीट व प्रॉफिट एंड लॉस को दाखिल करने का आदेश दिया।

  ◆  टीचर्स व स्टाफ सैलरी का विवरण और कितनी कमी की गयी है।

·  ◆ प्रति दिन परिचालन में हुए खर्चे का विवरण एवं उनमे कितनी कमी आई है।

◆ यह स्टे केवल 2020-21 में स्कूल छोड़ चुके विधार्थियों के रिफंड पर हुआ था।

·    जो विधार्थी स्कूल में पढ़ रहे है उनकी वर्ष 2020-21 की 15 प्रतिशत फीस का समायोजन स्कूलों करना ही होगा इस पर कोई स्टे नहीं दिया गया।

◆  एफिडेविट फाइल करेंगे की कितने स्कूल मेम्बेर्स है।


 7.माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने पुनः दिनांक 09-10-2023 को सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया की दिनांक 04-05-2023 के अंतरिम आदेश का लाभ केवल उन तीन स्कूलो को ही मिलेगा  जिनका जिक्र  इंडिपेंडेंट स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया  ने अपने एफिडेविट में किया है और आधी अधूरी बैलेंस शीट दाखिल की है ( एच.पी मेमोरियल एजुकेशनल , गाजियाबाद अशरफी देवी मेमोरियल सोसाइटी , गाजियाबाद और रवि चिल्ड्रन अकैडमी , गोंडा ) बाकी सभी स्कूलों पर माननीय उच्च न्यायालय का 15% वर्ष 2020-21 की फीस का समायोजन/वापसी का आदेश लागू रहेगा।


इन सभी बिंदुओं से स्पष्ट है की 15 % फीस वापसी में अब किसी भी प्रकार की कोई बाधा नही है इसलिये में सभी स्कूल संचालको से अनुरोध करती हूं कि वो सभी पेरेंट्स और बच्चों को अपने ही स्कूल परिवार का हिस्सा मानते हुये 15 % फीस को शिक्षा सत्र समाप्त होने से पहले वापस अथवा सम्सयोजित करे साथ मे जिला विद्यालय निरीक्षक से भी निवदेन करती हूँ कि वो जिले के सभी स्कूलो से पेरेंट्स की 15 % फीस शत प्रतिशत वापस करना सुनिश्चित कराये।