डॉ० अमित कुमार ने पीपल के पत्ते पर श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को अपनी तूलिका से चित्रित करने का प्रयत्न किया

 गाज़ियाबाद। मोदीनगर के निकट शेरपुर गांव निवासी डॉ ० अमित कुमार ने चित्रकला के चित्र में नए आयाम प्रस्तुत किए हैं। चित्रकला के क्षेत्र में नीत नए-नए प्रयोग करते रहे हैं। गंग नहर स्थित श्री हंस इंटर कॉलेज मुरादनगर में कला अध्यापक के पद पर कार्यरत डॉ० अमित कुमार ने पीपल के पत्ते पर अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को अपनी तूलिका व रंग के माध्यम से चित्रित करने का प्रयत्न किया है। जिसमें उन्होंने पीपल के पत्ते को कैनवास के रूप में प्रयोग किया है। 

पीपल के पत्ते को संसार के वृक्षों में राजा कहा जाता है। हिंदू धर्म में इसका महत्व वैदिक समय से ही चला आया है। पीपल के पेड़ को देवी लक्ष्मी का स्थान माना जाता है इसलिए डॉक्टर अमित कुमार ने पीपल के पत्ते पर भगवान श्री राम व सीता का चित्रण बहुत ही कलात्मक रूप में किया है। 

श्री राम के चित्र के ऊपर राम मंदिर का चित्रण व 3 घंटी श्री राम सीता और लक्ष्मण के प्रतीक के रूप में बनाई है। चित्र में कलश प्राण प्रतिष्ठा के प्रतीक रूप में साथ में विश्व का सबसे बड़ा दीपक जो राम मंदिर में जलेगा छोटे दीपक के रूप में दर्शाया है। साथ में पत्थरों को समुद्र पार करते समय अतीत की घटनाओं को दर्शाया है। श्री राम का धनुष एक शक्ति के रूप में चित्रित है। डॉ० अमित कुमार ने अपना यह चित्र श्री राम के चरणों में समर्पित किया है। डॉ० अमित कुमार अब तक सरसों के दाने ,चावल, राजमा, गुलमोहर की पट्टी,  पीपल के पत्तों पर विभिन्न प्रकार की कलात्मक चित्रकारी कर चुके है। चित्रकला के क्षेत्र में डॉक्टर अमित कुमार अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज कर चुके हैं ।चित्रकला के क्षेत्र में विभिन्न संस्थाओं में ने पुरस्कार किया जा चुका है। 

डॉ० अमित कुमार कला अध्यापक के रूप  एनसीसी ऑफिसर के पद पर कार्यकर्ता रहकर बच्चों को कलात्मक गुना के साथ छात्र-छात्राओं में प्रेम की भावना को जागृत करते हुए एनसीसी ऑफिसर के रूप में आर्मी की नर्सरी को तैयार करने में पर्यटनशील है। जिससे कि भविष्य में यही एनसीसी कैडेट राष्ट्र की सेवा कर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान कर सके।