भक्ति स्वतंत्र है, जिसकी कोई सीमा नहीं होती -पंडित संतोष भारद्वाज

समउर बाजार। बिहार खुर्द (बंगला टोला) पंचायत भवन के प्रांगण में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत आत्म कथा का आयोजन ग्राम विकास समिति बिहार खुर्द बंगला टोला की तरफ से किया गया है। जिसमें धर्मनगरी वृन्दावन धाम से पधारे कथा वाचक पंडित आचार्य संतोष भारद्वाज जी महाराज ने कथा के चौथे दिन भक्त समुदाय को सम्बोधित करते हुए वृन्दावन धाम से पधारे पंडित आचार्य संतोष भारद्वाज जी महाराज ने भक्त प्रहलाद का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भक्ति स्वतंत्र है, उसे हर स्थिति में कर सकते है और भक्ति की कोई सीमा नहीं होती है।

श्रीरामजन्म भूमि अयोध्या धाम से पधारे महात्मा शारथानंद जी ने भी जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा कि ईश्वर कि ज़ब कृपा होती है तब संतो का सानिध्य और हरि कथा सुलभ होती है। ज़ब संत मिल जाए तो निश्चय ही भगवान का दर्शन मिलेगा। इसलिए सभी लोग ध्यान लगाकर सत्संग हरि कथा को नियमित रसपान करें और अपना कल्याण करें। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.विजय कुमार राय (पूर्व ब्लॉक प्रमुख तमकुहीराज व वरिष्ठ भाजपा नेता)ने फीता काटकर आज के कार्यक्रम का शुभारम्भ किया और कथावाचक पंडित बाल व्यास संतोष भारद्वाज जी महाराज को तिलक कर मुकुट और पुष्पहार सहित मंचासीन गायक कलाकारों का भी पटके द्वारा सम्मानित किया। कथा व्यास संतोष भारद्वाज ने पटके पहनाकर मुख्य अतिथि को आशीर्वाद दिया। 

प्रवचन के दौरान पांडाल में सागर खरवार, घनश्याम खरवार, आनंद, विशाल, नागेश्वर खरवार, विनय खरवार, नंदन कुशवाहा, राधे गुप्ता, रामप्रीत राव, सुनील सिंह, रविन्द्र शर्मा, धुरन्धर चौहान, प्रिंस खरवार के अलावा कथा श्रोता सैकड़ों पुरुष और महिलाएं उपस्थित थे। आरती-पूजन के साथ सायंकालीन कथा को विश्राम किया गया।