बच्चों का हंसना, खेलना और सीखना ही उनके उत्कर्ष के लिए महत्वपूर्ण - उर्वशी अग्रवाल

 सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में दो दिवसीय पॉम-पॉम शो का हुआ शुभारंभ

      गाजियाबाद। सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में आयोजित दो दिवसीय पॉम-पॉम शो के पहले दिन नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपनी मोहक व प्रभावशाली प्रस्तुति के जरिए विश्व शांति व भाईचारे का संदेश दिया। नेहरू नगर स्थित शाखा में नर्सरी, केजी व प्रेप के बच्चों की मासूम मुस्कान और उनके उत्साह ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध कवयित्री उर्वशी अग्रवाल ने बच्चों की अभिव्यक्ति की सराहना करते हुए कहा कि स्कूल का प्रांगण बच्चों की उड़ान का वह आकाश होता है जहां से हर बच्चे की दिशा का निर्धारण होता है। अभिभावकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बचपन ही वह समय है जब हमारा जीवन अदभुत और समृद्ध होता है। बच्चों का हंसना, खेलना और सीखना उनके उत्कर्ष के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कार्यक्रम में अभिनय कर रहे बच्चों के नाम पर तत्काल रचित दोहे भी सुनाए।

  कार्यकम का शुभारंभ स्वागत गीत और गणेश वंदना से हुआ। "पानी बचाओ" नृत्य नाटिका ने सभी का मन मोह लिया। बार्बी डॉल बनी बालिकाओं ने दर्शकों का ध्यान खींचते हुए भरपूर तालियां बटोरीं। कार्यक्रम के आकर्षण का केंद्र रहे इवान ने अपनी तुतलाती ज़ुबान में रामायण के प्रसंग सुनाकर सभी को रोमांचित कर दिया। अरेबियन नृत्य और मधुर गीत "मेरी दुनिया'' ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। छात्रा प्रियांशी गोयल की प्रस्तुति “रक्त चरित, रक्त चरित, सर जो कटेगा, धड़ से गिरेगा...” ने सभी के  रोंगटे खड़े कर दिए। 

अतिथियों द्वारा प्रतिभाशाली बच्चों की गतिविधियों के अनुसार उनके उत्साहवर्धन के लिए उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम के बीच में सेंटा क्लॉज ने आकर सभी को आनंदित कर दिया।

  कार्यक्रम का संचालन छात्रा काव्या, इज्ना, काश्वी, हर्षिका, प्रियांशी गोयल, साव्या गंभीर, आयुष शर्मा, विहान गर्ग, अविका सिंघल, गर्वित गर्ग व अध्यापिका सुरभि त्यागी तथा नीना राणा द्वारा किया गया। अतिथि के रूप में कुमकुम गर्ग ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि कितने लोग हैं जो मंच पर चढ़ने का साहस दिखा पाते हैं। उन्हें बच्चों के साहस और प्रतिभा का सम्मान कर इसका संरक्षण करना चाहिए। रेनू चोपड़ा और आलोक यात्री भी अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अपने संबोधन में कुछ अभिभावकों ने मंच पर आकर सभी अध्यापिकाओं के श्रम और समर्पण की सराहना की। प्रधान अध्यापिका उमा नवानी ने आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चे सितारों की तरह हैं, वह अपने अनूठे तरीकों से चमकते हैं। उनके हाथों में उनका भविष्य और सपने छिपे हैं, जिसका पोषण और संरक्षण करना हमारा दायित्व है। कार्यक्रम में एकता कोहली, मीना उत्तम, श्रुति मित्तल, मंजु कौशिक, सुप्रिया वर्मा, पूजा उपाध्याय, नम्रता शर्मा, कुलदीप कौर, हरप्रीत कौर, पूजा अहलावत, वंदना शर्मा, अनुज शर्मा, मूलचंद आदि ने भी सहयोग प्रदान किया।