गाजियाबाद। जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने देश के प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के माध्य्म से देश और उत्तर प्रदेश के लाखों गरीब एवम आर्थिक रूप से कमजोर बच्चो को राज्यो के प्राइवेट स्कूलों में निर्धारित 25 % कोटे के तहत शिक्षा का मौलिक अधिकार दिलाने में अहम भूमिका अदा करने वाले आरटीई अधिनियम 2009 को पूरे भारत के सभी राज्यो मे सख्ती से लागू कराने की मांग उठाई है।
सीमा त्यागी ने प्रधानमंत्री को लिखे इस पत्र के माध्य्म से बताया कि आरटीई अधिनियम के तहत देश मे प्रति वर्ष लाखो गरीब बच्चों का चयन होता है लेकिन शासन , शिक्षा विभाग और अधिकारियों की उदासीनता के चलते हर वर्ष हजारो बच्चे शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित रह जाते है। राज्य सरकार सहित अधिकारियों से लाख शिकायत करने के बाद भी आरटीई के दाखिले नही लेने वाले स्कूलो पर कोई कार्यवाई नही की जाती है ऐसे स्कूलो पर प्रत्यक्ष कार्यवाई का कोई भी उदाहरण पूरे उत्तर प्रदेश के एक भी जिले में मौजूद नही है, ऐसा ही हाल भारत के अन्य राज्यो का भी है प्रदेश में शिक्षा माफियाओं की एक बड़ी लाबी इन बच्चों के लिये शिक्षा की आवाज उठाने वालों को माननीय मुख्यमंत्री जी के सामने सरकार विरोधी साबित करने में जुटी रहती है। शिक्षा विभाग और जिलों के अधिकारी इस लाबी के सामने लगभग नतमसस्तक नजर आते है, जिसके कारण देश के अन्य राज्यो सहित उत्तर प्रदेश में भी आरटीई अधिनियिम दम तोड़ रहा है। जिसकी प्रमाणिकता की जांच आप स्वयं उत्तर प्रदेश एवम जेण्य राज्यो की सरकारो से पिछले 5 वर्षों में आरटीई के दाखिलों का आंकड़ा मांग कर सकते है सीमा त्यागी ने प्रधानमंत्री जी से निवदेन किया है कि भारत के सभी राज्यो की सरकारो को अपने राज्यो में आरटीई अधिनियम 2009 को पूर्ण रूप से लागू कराने , भारत के सभी राज्यो में आरटीई अधिनियम के अंतर्गत दाखिलों और दाखिले से वंचित करने वाले स्कूलो पर कार्यवाई की समीक्षा के लिए केन्द्रीय शिक्षा मंत्री को केंद्रीय समीक्षा कमेटी का गठन करने एवम सम्पूर्ण भारत मे आरटीई के अंतर्गत दाखिलों के लिए जागरूकता अभियान चलाने के लिए निर्देशित करे । जिससे कि देश का प्रत्येक गरीब एवम आर्थिक रूप से कमजोर बच्चा आरटीई अधिनियम 2009 से लाभान्वित होकर राष्ट्र के निर्माण में अहम भूमिका निभा भारत को विश्व गुरु बनाने के सपने को साकार करने में मदद कर सके । सीमा त्यागी ने उम्मीद जताई है कि माननीय प्रधानमंत्री जी मेरे इस पत्र का सज्ञान लेकर आरटीई अधिनियम के माध्य्म से देश के लाखों गरीब एवम आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा मुहिया कराने का सपना साकार करेगे।