गाज़ियाबाद। सामाजिक चिंतक अश्विनी शर्मा को अश्वनी हिंदू के नाम से जाना जाएगा, एक वर्ष से स्वामी दीपांकर जी जातियों में विभक्त हिंदू समाज को एक करने के लिए भिक्षा यात्रा पर है और जिससे प्रेरित हो कर अंतर्राष्ट्रीय ध्यान गुरु स्वामी दीपांकर जी के विशेष कृपा पात्र शिष्य अश्वनी शर्मा ने स्वामी जी के अद्वित्य प्रयास से प्रेरित होकर अपने पुत्र आरव के प्रथम जन्मदिवस (मार्गशीर्ष चतुर्थी) के अवसर पर अपनी जाति त्याग कर एक हिंदू होकर रहने का प्रण लेने का निश्चय किया।
जिसकी घोषणा वे आज अपने पुत्र के जन्मदिवस के कार्यक्रम में समाज के सम्मानित गण मान्यो के बीच करेंगे।अश्विनी शर्मा ने कहा कि एक संन्यासी सर्दी गर्मी बरसात में भी अगर हम हिंदू को एक करने के लिए बिना थके हि भिक्षा यात्रा कर सकते हैं तो कम से कम हमें उनके इन निश्चय को बल तो दे सकते हैं और अब से उन्हें अश्वनी हिंदू के नाम से जाना जाए, आगे उन्होने कहा देश और धर्म अगर जीवित है और युगो युगो तक जीवित रहेगा तो केवल स्वामी दीपांकर जी जैसे त्याग करने वाले संतो के कारण।