आरटीई के दाखिलों पर बाल आयोग ने डीएम से मांगा 5 दिन के अंदर जबाब

गाजियाबाद। जीपीए की हार न मानने की जिद्द का ही परिणाम है कि आरटीई के दाखिले शासन ,प्रशासन और अधिकारियों के लिये जी का जनजाल बने हुये है मामला है गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल का  जिसमे आरटीई के अंतर्गत अभिभावक राहुल की पुत्री का चयन मॉर्च 2023 में लाटरी के माध्य्म से अलाभित समूह के अंतर्गत प्री प्राइमरी में हुआ था लेकिन लगातार 6 महीने तक अधिकारियों और स्कूल के चक्कर काटने के बाद भी जब स्कूल द्वारा राहुल की बेटी का दाखिला नही लिया गया तो इसकीं शिकायत गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग , दिल्ली से की गई। जिस पर दिनाँक 09-10-23 को बाल आयोग द्वारा जिलाधिकारी से 7 दिन के अंदर जांच आख्या मांगी गई थी लेकिन जिलाधिकारी द्वारा इसका कोई जवाब बाल आयोग को नही दिया गया। 

जिसके बाद अब बाल आयोग द्वारा जीपीए के पत्र का सज्ञान लेते हुये जिलाधिकारी को 29-11-2023 ,को दूसरा पत्र भेजते हुये 5 दिन के अंदर जबाब मांगा है। बाल आयोग ने इस पत्र के माध्य्म से डीएम को चेतावनी भी दी है की अगर 5 दिन के अंदर जबाब नही दिया गया तो बाल आयोग सीपीसीआर अधिनियम 2005 की धारा 14 के अंतर्गत कार्यवाई करने के लिए विवश होगा । गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी और सचिव अनिल सिंह का कहना है कि हमे उम्मीद है कि बाल आयोग के पत्र को जिलाधिकारी गंभीरता से लेकर बालिका का दाखिला दिल्ली पब्लिक स्कूल में सुनिश्चित करा आयोग को 5 दिन के अंदर सकारात्मक जबाब भेजेंगे। जिलाधिकारी के पास असीमित अधिकार है अगर जिलाधिकारी अपने अधिकारों का प्रयोग पूरी निष्ठा से करे तो आरटीई के अंर्तगत चयनित एक भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे अभिभावक और बच्चों के हितों के लिये गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रयास जारी रहेंगे ।