कार्तिक भारती साहित्य संस्कृति संस्थान की 102वीं काव्य-गोष्ठी आयोजित

कविता ने पलट दिए हैं तख़्त-ओ-ताज…..स्नेह ठाकुर

गाज़ियाबाद। कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर अमर भारती साहित्य संस्कृति संस्थान की 102वीं  काव्य-गोष्ठी आयोजित।       गोल्फ लिंक सोसॉयटी में संस्थान के संस्थापक डॉ धनंजय सिंह के आवास पर आयोजित काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता विधि भारती पत्रिका की संपादक सुश्री संतोष खन्ना ने की।ग़ाज़ियाबाद के साहित्यिक परिवेश को समृद्ध बनाने के लिए संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि-साहित्य समाज को जोड़ने का काम करता है।वह जन-सामान्य की चेतना के विकास में उत्प्रेरक का कार्य करते हुए समाज को सही दिशा प्रदान करता है।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि कनाडा से आई कवयित्री सुश्री स्नेह ठाकुर रहीं।उन्होंने कहा कि-कविता एक तरह की विशिष्ट शक्ति होती है।इस शक्ति का प्रयोग बेहद सावधानी के साथ करना चाहिए।अतीत में इंक़लाबी गीतों, कविताओं की एक लंबी परंपरा रही है।आज़ादी की जंग के दौरान भी और आज़ादी के बाद भी समाज को जागरूक करने का काम कविता बखूबी निभाती रही है। 

इस अवसर पर संस्थान के महासचिव प्रवीण कुमार ने संस्थान की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि पिछले एक दशक से अमर भारती साहित्य संस्कृति संस्थान निरतंर साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन करता रहा है। इसके साथ ही मासिक काव्य गोष्ठियों में दर्जनों नये पुराने कवियों, कवयित्रियों, गीतकारों, साहित्यकारों का समागम होता रहा है और कविता व साहित्य के क्षेत्र में होने वाले नये प्रयोगों के लिए सुनहरा अवसर मिलता रहा है। साथ ही विभिन्न अवसरों पर प्रतिष्ठित कवियों व लेखकों को विभिन्न सम्मानों से सम्मानित किया जाता रहा है। 

गोष्ठी में 15 कवियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराते हुए बहुरंगी रचनाओं का पाठ किया। काव्य पाठ करने वालों में डॉ धनंजय सिंह, डॉ योगेन्द्र दत्त शर्मा, डॉ रमेश कुमार भदौरिया, जगदीश पंकज, विष्णु सक्सेना, प्रवीण कुमार, सैय्यद अली मेंहदी, सपना सक्सेना दत्ता ‘सुहासिनी’, एम के चतुर्वेदी ‘मकरंद’, नरेंद्र गोयल शामिल रहे।इनके अलावा सुश्री मधु सिंह, प्रियंवदा, संजीव दत्ता, देवेंद्र व रामनाथ की गरिमामयी उपस्थिति रही।