दृढ भक्ति और विश्वास के प्रतिक भक्त ध्रुव और प्रहलाद का चरित्र प्रेरणादायक -पं. विपिन शास्त्री

हापुड़। श्री मुरारी सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में हापुड़ के आवास विकास कालोनी स्थित हर श्री नाथ मंदिर के नजदीक ग्राऊंड में चल रहे सात दिवसीय श्रीमदभागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास पंडित विपिन शास्त्री जी महाराज ने भगवान कपिल और देवहुति संवाद का विस्तार पूर्वक वर्णन किया। भगवान कपिल जी का दर्शन करने के लिए स्वयं ब्रह्मा जी आए और साथ में 10 मानस पुत्रों को भी लेकर आए। उनमें से 10वें पुत्र नारद जी जो ब्रह्मचारी बने घूम रहे थे। इसलिए ब्रह्मा जी ने अपने मरीचि आदि 9 पुत्रों का विवाह कर्दम जी की 9 कन्याओं से संपन्न कराया और नारदजी ऐसे ही अविवाहित ही रह गए थे।

पांडाल में उपस्थित भक्त समुदाय को सम्बोधित करते हुए पंडित विपिन शास्त्री जी ने कहा कि दृढ भक्ति और विश्वास के प्रतिक भक्त ध्रुव और भक्त प्रहलाद के चरित्र पर प्रकाश डाला और कहा कि ऐसी मिशाल युगों-युगों से चली आ रही है और आगे भी मिशाल क़ायम रहेगा। "ज़ब तक सूरज-चाँद रहेगा, ध्रुव-प्रहलाद का नाम रहेगा।

          श्रीमद्भगवत कथा के तीसरे दिन शास्त्री जी ने भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि ऐसी शादी में जहां तीनों लोकों के देवी- देवता आकर भगवान शिव और माता पार्वती के दर्शन कर धन्य-धन्य हो गए। भगवान शिव और माता पार्वती की सुन्दर झांकी भी निकाली गयी। कलाकारों के इस सुन्दर झांकी ने सभी भक्तों का मन मोह लिया।

            कथा के मुख्य यजमान श्री बृजेश शर्मा (परीक्षित) द्वारा व्यासपीठ पर आसीन पं. विपिन शास्त्री जी महाराज का फूल-माला और तिलक लगाकर उनका स्वागत किया गया। साथ ही मंचासीन सभी कलाकारों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में पुष्पा शर्मा, राजू शर्मा, रूचि शर्मा, शोभित अग्रवाल, पूजा शर्मा, निकी शर्मा, पवन भाष्कर (सभासद), विनीत त्यागी(पूर्व सभासद), पवन कश्यप, राजू शर्मा, हरीश शर्मा, ओमदत्त त्यागी, राहुल त्यागी, सुशील वर्मा, के.पी.सिंह, पीयूष वर्मा, अमित गिरी और कपिल त्यागी सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। भजन गायक कलाकारों ने अपने सुमधुर भजनों द्वारा सबको लाभान्वित किया।

तीसरे दिन की कथा आरती-पूजन के साथ आज के कार्यक्रम को विश्राम किया गया। मंच संचालन धुरन्धर चौहान ने किया।