गुरुकुल द स्कूल ने संगोष्ठी का आयोजन किया

गाजियाबाद। शिक्षा का उद्देश्य केवल किताबों तक सीमित रहना नहीं है अपितु विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास करना है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए गुरुकुल द स्कूल निरंतर अपने छात्रों के युवा मन को जीवंत और परिष्कृत करने पर बल देता रहा है। इसी श्रृंखला में रोटरी इंटरनेश्नल क्लब - इमेजिन रोटरी, गुरुकुल के इंटरेक्ट क्लब के द्वारा सुनिश्चित थीम "सामाजिक चेतना के जागरण में कर्मठ युवाओं का जोशपूर्ण प्रतिनिधित्व" के अंतर्गत ऐसे ज्वलंत विषयों को चुना गया जिस पर पिछले कुछ वर्षों से पूरा विश्व चर्चा कर रहा है। अपने वैचारिक मतभेदों को भुलाकर बुद्धिमत्ता एवं तार्किक क्षमता से विकास की ओर अग्रसर होने हेतु 'गुरुकुल क्लोकुअम मॉडल यूनाइटेड नेशंस मंच एक ऐसा प्रयास है जहाँ छात्र नव कल्पना करते हुए नवीनतम सोच को मूर्त रूप प्रदान करने हेतु प्रयासरत रहे ताकि दुनिया में अमन और शांति वास्तविक रुप में कायम हो सके। इन्हीं विचारों के तहत विद्यालय ने अपना चौथा विशिष्ट सम्मेलन सफलता पूर्वक सम्पन्न किया ।

इस संगोष्ठी का उद्देश्य चुनौतियों का सामना करने के लिए सदैव तत्पर रहने वाली नई पीढ़ी में स्वतंत्र विचारों को स्वीकार करने के साथ-साथ उदार लोकतांत्रिक मूल्यों पर बल देना है। सम्मेलन में 8 कमेटियों का गठन किया गया था जिनमें ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम से 24 से अधिक विद्यालयों के 350 भारतीय व अन्य देशों जैसे फिलीपिन्स, इण्डोनेशिया, केनिया आदि के छात्रों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभागिता दी । प्रथम दिवस में सम्पादित गतिविधि में हर प्रतिभागी ने प्रदत्त कार्यभार के अनुरूप उत्साहपूर्वक जीवंत प्रस्तुति दी व अपना मत रखते हुए भाव प्रेषित किए।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं ईश आराधन से हुआ। विशिष्ट अतिथियों श्री अरूण कुमार त्यागी (माननीय मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय), डॉ० पीयूष एंटनी (अनुभवी सामाजिक नीति विशेषज्ञ), डॉ० अफ़रोज़ अहमद (राष्ट्रीय हरित अधिकरण विशेषज्ञ) एवं श्रीमती शिवानी रस्तोगी चौहान (एक्सपर्ट, फायनेंस प्रोफेशनल) ने अपने उद्बोधन से छात्रों को प्रोत्साहित किया। प्रत्येक कमेटी के लिए निर्णायक की भूमिका हेतु क्षेत्र विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया एवं प्रतियोगिता के समापन पर हर कमेटी के विजेताओं को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य गौरव बेदी ने इन प्रतियोगिताओं के मूल उद्देश्य की महत्ता बताते हुए सभी प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाया एवं उनके बेहतर भविष्य की कामना की ।