गाज़ियाबाद। पावन चिंतन धारा आश्रम के युवा प्रकल्प, यूथ अवेकनिंग मिशन द्वारा राष्ट्रीय स्तरीय “धरासेवा-शिवसेवा” कैंपेन के अंतर्गत के.आई.ई.टी. कॉलेज परिसर में पौधारोपण का कार्य किया गया।
पौधारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ आदरणीय गुरु माँ डॉ. कविता अस्थाना सचिव, पावन चिंतन धारा आश्रम तथा डॉ. सतीश कुमार, डीन- स्टूडेंट वेलफेयर द्वारा किया गया। तत्पश्चात आश्रम सदस्यों एवं मिशन के युवाओं ने कॉलेज के शिक्षक-विद्यार्थियों के साथ परिसर में पौधे लगाये जिसमें आम, अमरूद, जामुन, चंपा, रजनीगंधा, कनेर, अनार, सागवान, बुटेर, कचनार, नींबू आदि 200 फलदार और छायादार पौधे रोपित किए गए। पौधारोपण उपरांत सभी विद्यार्थियों को यूथ अवेकनिंग मिशन द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किए गए और उन्हें अपने द्वारा लगाए गए पौधे की देख-भाल का दायित्व सौंपा गया जिससे युवाओं में प्रकृति के प्रेम व संवेदना का भाव उत्पन्न हो।
ज्ञातव्य हो कि आज प्रकृति के संरक्षण के लिए भारत में लगभग 500 करोड़ पेड़ों की आवश्यकता है जिसकी पूर्ति हेतु सरकार और प्रशासन के साथ-साथ समाज को भी अग्रसर होकर अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए। इस विचार को क्रियान्वित करते हुऐ आश्रम के संस्थापक एवं दिल्ली विश्विद्यालय के प्रोफेसर डॉ. पवन सिन्हा 'गुरूजी' द्वारा वर्ष 2019 में ‘धरासेवा शिवसेवा’ कैंपेन को प्रारंभ किया गया। कैंपेन के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष सावन माह में प्रो. पवन सिन्हा 'गुरूजी' की प्रेरणा से देशभर के अलग-अलग शहरों तथा ग्रामीण इलाकों सहित स्कूल एवं कॉलेज में पौधारोपण का कार्य निरंतर किया जाता है तथा लोगों को पर्यावरण के संरक्षण व संवर्धन हेतु जागरूक किया जाता है। गत 4 वर्षों में इस कैंपेन के तहत लगभग 2.5 लाख पौधे देश के 15 राज्यों में, ऐसे स्थानों पर जहाँ उनकी देखभाल भी की जा सके, रोपित किए जा चुके है जिसमें लगभग 5000 से अधिक सेवादारों का योगदान रहा। इस वर्ष भी सावन में यह कार्य अनवरत जारी है और अब तक विभिन्न स्थानों पर लगभग 3000 पौधे लगाये जा चुके हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी आज से यूपी में 'पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ' अभियान शुरू किया गया है जिसमें तक़रीबन 35 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है।
आज इस पवित्र कार्य में आश्रम के सदस्यों के साथ कॉलेज के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने भी उत्साहपूर्वक भागीदारी निभाई। इस अवसर यूथ अवेकनिंग मिशन के सदस्यों द्वारा कॉलेज के डीन डॉ. सतीश कुमार जी को सम्मानित किया गया।