गाजियाबाद । राजनगर एक्सटेंशन स्थित राजनगर रेजिडेंसी सोसायटी में श्रीमद् भागवत पुराण कथा के छटे दिन अयोध्या से पधारे कथावाचक बाल व्यास आचार्य श्री चंद्रेश कृष्ण शास्त्री जी ने कहा कि प्रेम ही है जो हम उस परमपिता परमात्मा को दे सकते हैं अन्यथा सब कुछ उन्हीं का ही तो है। निर्मल मन का प्रेम ही है जो हम उन्हें अर्पण कर प्रसन्न कर सकते हैं ,द्रोपती ने चीर हरण प्रसंग में सब को पुकारा, रक्षा किसी ने नहीं की, अंत में प्रभु की याद आई, प्रभु को पुकारा, दुशासन साड़ी खींच रहा था, साड़ी समाप्त नही हो रही थी, भगवान ने वस्त्रावतार ले लिया। सभा हैरान थी ,भगवान ने अद्भुत लीला की और द्रौपदी की रक्षा करी।
कथावाचक ने कहा कि सहजता, सरलता, हमारा प्रेम ही है, जिस पर भगवान रीझते हैं। योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण जी महाराज संग रुक्मणि जी का विवाह प्रसंग आज की कथा का मुख्य आकर्षण रहा ।भक्तसमाज ने पूरी श्रद्धा,प्रेम व उल्लास से परिपूर्ण हो भरपूर आनंद लिया।
कार्यक्रम में रीना सिंघल जी,अंशिका सिंह जी, श्रद्धा शर्मा जी, अंजना सिंह जी ,मोनिका गुप्ता जी,रंजना चौहान जी,श्वेता सिंघल जी, मंजू गुप्ता जी,रीता सिंह जी,इति गोयल जी ,रुचि अग्रवाल जी,एकता गुप्ता जी,अंशु सिंह जी, विनीत गर्ग जी,संदीप सिंघल जी,मनोज गुप्ता जी, प्रवीण गुप्ता जी, पवनेश सिंघल जी,आकाश शर्मा जी ,मनोज अग्रवाल जी ,संजीव चौहान जी,आशुतोष शर्मा जी ,राहुल शर्मा पंडित जी, हरि प्रकाश त्यागी जी, विपुल त्यागी जी,राकेश त्यागी जी आदि का सहयोग रहा।