"बुलंदी" ने किया कवि सम्मेलन का आयोजन

गाजियाबाद। -बिठा के कंधे पर पापा, मुझे मेला घुमाते थे -"बुलंदी" ने किया कवि सम्मेलन का आयोजन  -दो बार विश्व रिकॉर्ड बना चुकी है "बुलंदी" संस्था   गाजियाबाद। बुलंदी साहित्यिक सेवा समिति (पंजीकृत अंतर्राष्ट्रीय) द्वारा जंगल फिएस्टा हल्द्वानी में आयोजित हुए  कवि सम्मेलन में आगरा से हरीश भदौरिया व नवीन आर्या,  अभिषेक मिश्रा दिल्ली , अंजू शर्मा मथुरा, बादल बाजपुरी , बाजपुर से , संजय परगाँई नैनीताल, ममता वेद बाजपुर, गुमनाम पिथौरागढ़ी पिथोरागढ़, के पी सिंह विकल बहराईची पंतनगर, डा. भावना कोटाबाग व इंद्रा तिवारी, कन्हैयालाल, योगेश, ललित, कमल हल्द्वानी  से काव्य पाठ हेतु आए ।

बादल बाजपुरी ने कहा-

वो बचपन की सभी बातें , अभी भी याद है मुझको

बिठा  के  कंधे   पर   पापा  , मुझे  मेला  घुमाते  थे ,आगरा से आए हरीश भदौरिया ने कहा-

जब पहाड़ आँसू पिरोते हैं, तभी नदियों के धारे होते हैं।आगरा से आए नवीन आर्या ने  पढ़ते हुए कहा कि 

ये मेरे हुक़ूक की बात नहीं

की मैं तुझसे दिल लगा बैठूँ...।।

उम्र की इस दहलीज़ पे नवी

और भी कई काम है मुहब्बत के सिवा..।।

हल्द्वानी की इंद्रा तिवारी ने कहा कि-जीत का अध्याय लिख रही हैं बेटियां , जन्नत हमारे घर को बनाती हैं बेटियां, हमारी बेटियां हम सबकी बेटियां!कन्हैयालाल स्नेही  ने कहा कि पलकों पे सजाये थे सपने कभी मिलन के,

माली ने दिये तोहफे काँटों भरी चुभन के।

बाजपुर से आई ममता वेद ने कहा फिर वो मेहमान हुए जाते हैं।

 ख़त्म औसान हुए जाते हैं।वेद वो अजनबी तो बन बैठे ।हम भी अनजान हुए जाते हैं।।

ओखलकाण्डा के कवि संजय परगाँई ने पढ़ा कि

तेरे प्यार में डूबा तेरी आँखों को नैनीताल लिखता हूं।

वहीं ललित भट्ट ने पढ़ा कि-कली कोई फूल की खिल जाती तो अच्छा था,शादी के लिए अब कोई मिल जाती तो अच्छा था!

  कार्यक्रम  का शुभारंभ आगरा  से आए नवीन आर्या ने किया तो साथ ही संचालन के.पी. सिंह विकल बहराईची ने किया।

बुलंदी संस्था ने इससे पहले नवंबर माह में उत्तराखंड का सबसे बड़ा धरातलीय कार्यक्रम उत्तराखंड काव्य महोत्सव रुद्रपुर शहर मे आयोजित करवाया था l जिसमे देश भर से आये 300 कलमकारों ने काव्य पाठ किया था | बुलंदी संस्था ने  वर्ष 2021 एवं 2022 में  207 घण्टे और 400 घण्टे अनवरत वर्च्युअल कवि सम्मेलन आयोजित करवाकर दो बार विश्व रिकार्ड बना चुकी है l जिसे  इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज़ किया गया है l बुलंदी संस्था उत्तराखंड के बाज़पुर से संचालित होती है, जिसका उद्देश्य सभी नवोदित कलमकारों को मंच प्रदान करना है, जिसके लिए संस्था निरंतर  नि:स्वार्थ भाव से कार्य कर रही है।                        

उक्त सूचना बुलंदी संस्था के मीडिया प्रभारी नागेन्द्र त्रिपाठी ने दी है।