भक्त की प्रबल भक्ति ही भगवान को अपने बस में कर लेती है -आचार्य संतोष भारद्वाज

संवाददाता

टमकोली, ग़भाना,24 मई। ग्राम-टमकोली में चल रहे श्रीमद्भगवत कथा महायज्ञ के तीसरे दिन आचार्य संतोष भारद्वाज जी ने माता सती की कथा सुनाते हुए कहा कि माता सती को उनके पति ने खूब समझाया कि बिना बुलाएं आप अपने पिता के यहां यज्ञ में मत जाईये लेकिन माता सती ने अपने स्वामी की आज्ञा का उलंघन करते हुए अपने पिता के यज्ञ में पहुँच गयी। परिणाम यह आया कि माता सती को अपने शरीर को यज्ञ में भस्म करना पड़ा। 

आचार्य जी ने कहा कि माता सती अनुसूया की कुटिया पर तीनो लोको के नाथ माता अनुसूया की परीक्षा लेने पहुँचे। और मैया से कहने लगे कि आप नग्न अवस्था में भिक्षा दो तभी हम आपका दूध पिएंगे। मैया उनकी भावना को समझी और अपने पतीव्रत धर्म की सेवा को याद करते हुए हाथ में जल लेकर तीनों देवों के ऊपर जैसे छिड़का। तत्काल तीनों देव छोटे-छोटे बच्चे बन गए। मैया अति प्रसन्न हो रही है कि आज मेरा कितना बड़ा सौभाग्य है कि तीनों लोकों के स्वामी ब्रह्मा, विष्णु, महेश मेरी कुटिया में छोटे-छोटे बच्चे बनकर खेल रहे है। 

कथा के दौरान आचार्य जी ने कहा कि भक्त प्रहलाद ने भक्ति करके यह शाबित कर दिया कि भक्त जो कहता है उसे भगवान को करना पड़ता है। जिन्होंने भी भक्ति की है उनका नाम अमर हो गया। भक्ति हनुमान ने की,भक्ति ध्रुव ने की, भक्ति मीरा बाई ने की अर्थात जिसने भी भक्ति किया उनसे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए तभी हमारा कथा सुनना सार्थक होगा।

कार्यक्रम के आयोजनकर्ता द्वारा मंचासीन व्यासपीठ पर आसीन आचार्य श्री संतोष भारद्वाज जी सहित सभी गायक कलाकारों का फूल-मालाओ और तिलक लगाकर स्वागत किया गया। श्री नरेंद्र शर्मा (परीक्षित), पंडित विनोद शर्मा, गोपाल कृष्ण शर्मा, राजू पंडित, गुड्डू शर्मा, शेखर शर्मा, ठाकुर बाबू सिंह(पूर्व ग्रामप्रधान), अवधेश सिंह, प्रमोद महेश्वरी, डॉ.नेत्रपाल सिंह, डॉ. राम सिंह, डॉ. जयपाल सिंह, सुशील शर्मा, छत्रपाल शर्मा, रामअवतार शर्मा, मनमोहन कश्यप, जितेंद्र भारद्वाज, छोटे सिंह, राज कुमार सिंह, संतोष शर्मा, माया देवी, शालू शर्मा, रेनू सिंह, लकी शर्मा, शिखा शर्मा, निधि शर्मा, निर्मल शर्मा, इत्यादि लोग उपस्थित रहे।

दिल्ली से आये मशहूर भजन गायक कलाकार अमर रंगीला ने अपने सुमधुर भजनों से समां बांधा और सबको भक्ति रस में सराबोर कर दिया। आरती पूजन के साथ आज के कार्यक्रम को विश्राम किया गया। कार्यक्रम दोपहर 12 से सायं 5 बजे तक चला।