जीपीए ने आरटीई के दाखिले कराने के लिए बाल आयोग से लगाई गुहार

गाजियाबाद। जीपीए का आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष जारी है। जिसका एक और प्रमाण देखने को मिला जब आज गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने देश मे बच्चों के हितों की रक्षा करने वाली सबसे बड़ी संस्था राष्ट्रीय बाल अधिकार सरक्षंण आयोग के चैयरमैन को पत्र लिखकर आरटीई के बच्चों को निजी स्कूलों द्वारा दाख़िला नही दिए जाने की पीड़ा से अवगत कराते लिखा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत चयनित बालक / बालिकाओं को जिले के अनेको निजी स्कूलों द्वारा दाखिला नही दिया जा रहा है ,जिसके कारण बच्चे शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित हो रहे है जो कि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है आरटीई के अंतर्गत चयनित बालक / बालिकाओं के अभिभावक स्कूल और जिला बेसिक शिक्षा कार्यलय के चक्कर लगा लगा कर थक गये है। यह प्रक्रिया साल दर साल चलती आ रही है लेकिन ना तो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा इन स्कूलो पर कार्यवाई की जाती है और ना ही कोई ठोस रणनीति बनाई जाती है जिसके कारण हर वर्ष हजारों बच्चे शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित रह जाते है। पिछले साल भी लगभग 1800 से ज्यादा बच्चों को निजी स्कूलों द्वारा दाखिला नही दिया गया जिसकी पुष्टि आप जिला बेसिक शिक्षा कार्यलय से आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चों और दाखिला प्राप्त करने वाले बच्चो का सम्पूर्ण विवरण लेकर कर सकते है जिले के जिलाअधिकारी द्वारा भी ऐसे स्कूलो पर कार्यवाई नही की जाती है जो कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 का उलघ्न है । गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने बालक / बालिकाओं के हितों को ध्यान में रखते हुये बाल आयोग से निवदेन किया है की प्रदेश के प्रत्येक जिले में आयोग की निगरानी में एक कमेटी का गठन किया जाए, साथ ही प्रदेश सरकार को आरटीई के अंतर्गत चयनित छात्र / छात्राओं के दाखिले स्कूलो में सुनिश्चित नही कराने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई करने के लिए निर्देशित किया जाये जिससे कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत चयनित कोई भी बच्चा शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित न रहे । गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन को आशा ही नही पूर्ण विश्वास है की बाल आयोग जीपीए की शिकायत का सज्ञान लेकर प्रदेश के हजारों बच्चों के हित मे निर्णय लेगा।