आत्मज्ञान से ही परमात्मा का अनुभव संभव है- महात्मा दीपांजलि बाई

गाजियाबाद। स्थानीय एपेक्स क्रेमलिन,सिद्दार्थ विहार के  A-2303 फ्लैट के गृह प्रवेश के शुभ अवसर पर मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा सत्संग समारोह का आयोजन किया गया। सत्संग में सुविख्यात समाजसेवी व पूज्य सदगुरुदेव श्री सतपाल जी महाराज की आत्मानुभवि शिष्या महात्मा दीपांजलि बाई जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मज्ञान से ही परमात्मा का अनुभव संभव है।

उन्होंने कहा कि सत्संग सुनने से ही परमात्मा के प्रति प्रेम होता है,तब ही परमात्मा को जानने की जिज्ञासा होती। पूज्य बाई जी ने कहा कि समय के महापुरुष सदगुरुदेव से आत्मज्ञान की दीक्षा मिलने पर जिज्ञासा शांत हो जाती है। आत्मज्ञान की दीक्षा लेने के बाद जो भक्त ध्यान करता है,उसे परमात्मा का अनुभव हो जाता है।इसलिए सत्संग की महिमा हमारे सद्ग्रन्थों में गायी गयी है।

उन्होंने आगे कहा कि प्रेम व निस्वार्थ भावना से संतों के दर्शन करने से कोटि यज्ञों का लाभ मिलता है।

पूज्य बाई जी ने कहा कि सत्संग कार्यक्रम में आकर समय के महापुरुष ज्ञान प्राप्त कर हमें भजन सुमिरन करना चाहिए ताकि आत्मा का कल्याण हो सके।

सत्संग कार्यक्रम में हरनन्द त्यागी, जगदीश कुमार,कल्याण सिंह, देशराज, डालचंद,रामकुमार यादव, मदन गोपाल, धनपाल, के. पी. सिंह, चेतन प्रकाश, शशि,उषा, प्रीति, प्रकाश, गुड्डी आदि उपस्थित थे।