गाज़ियाबाद। समय बीतने के साथ आरटीई के दाखिले शासन ,प्रशासन और शिक्षा अधिकारियों के गले की फांस बनते जा रहे है। मामला है गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन स्थित जी .डी गोयनका पब्लिक स्कूल का, जिसमे निशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार (आरटीई ) के तहत गुल्लु नाम के अभिभावक के दो बच्चों का चयन अप्रैल माह 2022 में हुआ था लेकिन 7 महीने बीत जाने के बाद भी बच्चों का दाखिला स्कूल द्वारा नही लिया गया। इस दौरान गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा बाल आयोग को भी पत्र लिखा गया। जिसमें राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग , नई दिल्ली द्वारा जिलाधिकारी को 3 नवम्बर को पत्र जारी करते हुये 10 दिन के अंदर जबाब मांगा था लेकिन उसकी भी समय सीमा निकल गई।। अनेको बार जिलाधिकारी , बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित ,स्कूल के अनेको चक्कर काटे जा चुके है लेकिन निराशा ही हाथ लगी। आज अभिभावक ने गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन के साथ नंदग्राम थाना पहुँचकर आरटीई के अंतर्गत बच्चों का दाखिला नही लेने पर जी.ड़ी गोयनका स्कूल पर एफआईआर दर्ज करने के लिए प्राथर्ना पत्र दिया है। जिस पर वहां उपस्थितअधिकारी ने चोकी को मार्क करते हुये शाम तक आख्या मांगी है और कहा है कि अगर स्कूल दाखिला नही लेता है तो आपकी एफआईआर दर्ज की जाएगी। वही गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के सचिव अनिल सिंह द्वारा नंदग्राम थाने के एसएचओ प्रदीप त्रिपाठी से बात कर सारा प्रकरण बताया है। अब देखना यह है कि स्कूल पर प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा आरटीई के दाखिलों के शाशनदेश की अवेहलना करने पर एफआईआर दर्ज की जाती है या खाना पूर्ति करके मामले को दबा दिया जाता है गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के सचिव अनिल सिंह का कहना है कि अगर नंद ग्राम थाने द्वारा स्कूल पट अभिभावक की एफआईआर दर्ज नही की जाती है तो बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए कोर्ट के माध्य्म एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
आरटीई के दाखिला नही लेना जी.डी गोयनका स्कूल को पड़ सकता है भारी