चौधरी छबीलदास पब्लिक स्कूल में जूनियर विंग की दो दिवसीय अंतविद्यालय प्रतियोगिता आयोजित

ग़ाज़ियाबाद। चौधरी छबीदास पब्लिक स्कूल (जूनियर विंग) प्रतियोगिताएँ विलक्षण प्रतिभाओं को प्रकट करने का एक सशक्त माध्यम होती है। प्रतियोगिताओं के द्वारा ही छात्रों को अपनी सुप्तप्रतिभाओं को उजागर करने का अवसर प्राप्त होता है। इस उक्ति को सार्थक सिद्ध करते हुएदिनांक 11अक्टूबर 22 को पटेलनगर स्थित चौधरी छबीलदास पब्लिक स्कूल जूनियर विंग में दो दिवसीय अंतर्विद्यालय प्रतियोगिताओं Winning Amidst Unknowns' अर्थात 'अपरिचितों के मध्य विजय का लक्ष्य का गतवर्षो की भाँति सफल आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में 24 विद्यालय के 1222 प्रतियोगियों ने पूरे उत्साह व जोश के साथ भाग लिया। सर्वप्रथम चौधरी छबीलदास व सुशीला देवी के चित्रों पर माल्यार्पण करके विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष  के.के. अग्रवाल ने शुभदीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन समिति के अन्य सदस्य, मैनेजर रोहित गोस्वामी, प्रधानाचार्या तृप्ति नावरी गणमान्य आमंत्रित अतिथिगण, शिक्षक वर्ग व प्रतियोगिताओं के निष्पक्ष निर्णय हेतु अनुभवी विद्वान व योग्य निर्णायक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रारंभ विद्यालय के नन्हे गायकों ने अपने मधुर व सुरीले स्वरों में 'स्वागत' की आकर्षक प्रस्तुति के साथ किया ।

प्रतियोगिताओं के प्रथम दिन 11  अक्टूबर को विद्यालय में क्ले मॉडलिंग हिंदी कहानी अभिनय पोस्टर मेकिंग, आंग्ल भाषा कहानी प्रतियोगिता, योगा, आंग्ल भाषा संभाषण, पावर पॉइंट प्रस्तुतीकरण जन्मशती कार्यक्रम कत्थक नृत्य प्रतियोगिता व क्रीडा क्षेत्र में कक्षा 4 व 5 की टेबल टेनिस तथा कक्षा 5 की बास्केटबॉल, खो-खो की ग्यारह प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया | प्रस्तुत सभी प्रतियोगिताओं के लिए विद्यालय में आमंत्रित अनुभवी व श्रेष्ठ निर्णायकोंने अपना-अपना यथोचित निष्पक्ष निर्णय प्रस्तुत किया। 

उपस्थित शिक्षक वर्ग व अन्य दर्शकगणों ने करतल ध्वनि के साथ सभी प्रतिभागियोंका उत्साहवर्धन किया। उपस्थित निर्णायकों ने भी अपने शब्दों में सभी प्रतियोगियों की प्रशंसा की।विद्यालय की अनुपमा सिंह ने आमंत्रित प्रतियोगिओं, शिक्षक-व निर्णायक मंडल, प्रबंधन समिति के गणमान्य सदस्यों व आमंत्रित अतिथियों को धन्यवाद प्रस्तुत करते हुए कहा की प्रतियोगिताएँप्रतिभा दर्शन के लिए पारसमणि के समान होती हैं, जिनके स्पर्श मात्र से ही बच्चों का संपूर्ण व्यक्तित्व उज्जवलित हो जाता है। इसलिए विद्यालयों में समय-समय पर प्रतियोगिताओं का समायोजन होना अत्यंत आवश्यक है। अंत में राष्ट्रीय गान की प्रस्तुति के साथ इन प्रतियोगिताओं का सफलपूर्वक समापन हुआ।