सिलीगुड़ी। मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा आयोजित सत्संग कार्यक्रम में रविवार को मानव धर्म के प्रणेता और आध्यात्मिक गुरु सतपाल जी महाराज सिलीगुड़ी के हँसबेला आश्रम पहुंचे। सत्संग समारोह के दौरान अपने अनुयायियों को संबोधित करते हुए सतपाल जी महाराज ने कहा कि अध्यात्म की शक्ति से भारत संसार का सिरमौर बन सकता है। उन्होंने कहा कि जहां सत्य है वहीं बैकुंठ है। सत्संग से सबको सबको अध्यात्म ज्ञान की प्रेरणा मिलती है। अध्यात्म ज्ञान का भारत में प्रचार प्रसार करना होगा। उन्होंने कहा कि अध्यात्म से ही मानव का नैतिक एवं चारित्रिक उत्थान संभव है। हमारा जहां भी सत्संग होता है वहां बाहर और अंदर दोनों की सफाई होनी चाहिए। जब हमारा मन स्वच्छ और निर्मल होगा तभी अध्यात्म के ज्ञान का संदेश जन जन तक पहुंचेगा। तभी वसुधैव कुटुम्बकम तथा सर्वजन हिताय एवं सर्वजन सुखाय की भावना की जागृति होगी। उन्होंने कहा कि भारत की शक्ति अध्यात्म की शक्ति है। हमें अपनी आध्यात्मिक शक्ति का पुनर्जागरण करना होगा। हमारे अंदर सदभाव होगी, सुमति की भावना होगी तो हमारा रास्ता निश्चित रूप से देश को विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ाने वाला होगा और भारत के अंदर आध्यात्मिक शक्ति की जागृति होगी। तो पुन हमारा भारत वर्ष विश्व गुरू का स्थान प्राप्त करेगा। गुरू सदा ज्ञान देता है।
श्रद्धालुओं की मुखातिब होकर उन्होंने कहा कि प्रत्येक शिष्य को समर्पित भाव से, तन मन और धन से सेवा करनी चाहिए। इसके साथ ही सतपाल जी महाराज ने कहा कि गुरू सूर्य स्वरुप होते हैं, तो शिष्य उनकी धुप है। गुरू चंदन के सदृश हैं तो शिष्य कीर्ति रूपी सुगंध से दूसरों को भी ज्ञानी बना देता है। सदशिष्य को भी सद्गुरु के मिलने पर ही महानता मिलती है, परन्तु जब तक शिष्य में गुरू के प्रति ईश्वर की भावना नहीं उत्पन्न होती, तब तक सदशिष्य नहीं होता और न उत्पन्न होने वाले भगवद ज्ञान की प्राप्ति होती है। गुरू का कृपा पात्र बनने के लिए शिष्य में विनम्रता, आदर, सम्मान एवं निष्काम सेवा भावना जब कूट कूटकर भरने लगती है तो शिष्य स्वतः ही गुरू का प्यारा बन जाता है। इसी का चरितार्थ मानव धर्म के श्री हंस बेला आश्रम, हैदरपाड़ा में देखने को मिला।
इससे पहले मानव धर्म के प्रणेता सद्गुरुदेव श्री सतपाल जी महाराज बागडोगरा एयरपोर्ट से सीधे आश्रम पहुंचे। श्री महाराज जी श्री हंस बेला आश्रम पहुंचने पर मानव सेवा दल के डुआर्स मंडल के नवदीप लामा की टीम ने गॉर्ड ऑफ आनर दिया। उसके बाद समिति के उत्तर-पूर्वांचल प्रभारी महात्मा आदिना बाईजी, सिक्किम-दार्जीलिंग की प्रभारी महात्मा अखिलेश बाईजी सहित समिति के सभी संत-महात्मागण, कार्यकर्तागण, यूथ तथा भक्तिमय श्रद्धांलुओं ने खदा, फूल-माला आदि पहना कर जोरदार स्वागत किया। सत्संग हॉल से लेकर आश्रम के बाहर सड़क तक सैकड़ो की संख्या में श्रद्धांलुओं का भीड़ उमड़ पड़ा। चारो तरफ गुरुमहाराज जी का गगनभेदी जयकार से उद्घोष लगाया जा रहा था। भक्तगण काफ़ी दूर दराज से आने के कारण श्री गुरू महाराज जी ने अपना अमृतमय प्रवचन से पहले सीधे भक्तों को दर्शन दिए। श्रद्धालुगण उनका दर्शन पाकर काफ़ी खुश नजर दिखाई दिए। समिति के द्वारा भक्तो के लिए भंडारा का सुन्दर व्यवस्था सहित, चिकित्सा का सुविधा भी उपलब्ध कराया गया था। श्री महाराज जी ने कहा कि पिछले दो वर्षो से कोरोना को लेकर किसी तरह का कार्यक्रम नहीं हो पाया। कोरोना अभी पूर्ण रूप से समाप्त नहीं हुआ है इसका सुरक्षा के लिए नियमित रूप से पालन करने का निर्देश दिया। इस दौरान श्री महाराज जी ने भक्तो को खूब भजन सुमिरण कर अपने जीवन को सफल और सार्थक बनाने के लिए प्रेरणा दिया।