समय के सद्गुरु के शरणागत होकर ही मनुष्य का होता है उद्धार -महात्मा चंद्रभानानन्द

इस घोर कलयुग में दुर्लभ संत समागम और हरि-कथा दोनों सुलभ हो रहा है -महात्मा दर्शनी बाई

महोली । अखिल भारतीय धार्मिक और सामाजिक संस्था मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वावधान और विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु श्री सतपाल जी महाराज की प्रेरणा से महोली के गन्ना विकास समिति कार्यालय के प्रांगण में एक दिवसीय "सदभावना संत सम्मेलन" के दौरान समिति के आत्मज्ञानी महात्मा चंद्रभाना नन्द जी के सत्संग की अविरल धारा में भक्तों ने स्नान किया। भक्त, भक्ति और भगवान जीवन का सबसे महत्वपूर्ण विषय है। संसार के सभी मनुष्य भक्ति कर रहे है, नाना प्रकार से साधन, तप, तप, यज्ञ-हवन, व्रत और उपवास कर रहे है जो सब निरर्थक है। बिना भगवान के नाम को जाने भगवान की भक्ति संभव नहीं है। भगवान के साकार रूप में सद्गुरु ही होते हो जो भटके जीव को भगवान के सच्चे नाम का बोध कराकर व्यक्ति को सन्मार्ग पर लगाते हैं।

समिति के जिला सीतापुर प्रभारी महात्मा दर्शनी बाई जी ने कहा कि ज़ब आप सत्संग में, संतों के सानिध्य में आते रहने से आपकी संतानो में अच्छे संस्कार बनते है। यही छोटे बच्चे बड़े होकर आपकी सेवा करेंगे, सत्य मार्ग पर चलकर आपके नाम को रोशन करेंगे। इतिहास केवल भक्तों और संतो का ही बनता है। जिन्होंने भगवान की भक्ति की उन्ही भक्तों का कल्याण हुआ है।

उन्होंने कहा कि यह संत समागम कलयुग में दुर्लभ सम्पदा है जो हमें ईश्वर की कृपा से सुलभ हो रहा है। संत-समागम और हरि-कथा हमें दोनों ही प्राप्त हो रहा है। हम बड़े भाग्यशाली है। महात्मा जी ने कहा कि अगर आपको भक्ति करनी है तो समय के सद्गुरु के सानिध्य में जाकर सेवा और सत्संग सुनकर सद्गुरु के बताएं हुए मार्ग पर चलना है और अपना कल्याण करना है।

उन्होंने कहा कि मनुष्य जब अपने सत्य मार्ग से भटक जाता है, अपने वास्तविक शक्ति को भूल जाता है, तब संत महात्माओं का आध्यात्मिक जागरण के लिए इस प्रकार के समागम का के माध्यम से समाज को जगाना होता है। मनुष्य सृष्टि का सरताज है संत महापुरुषों और सभी धर्म ग्रंथों में इस मनुष्य चोले की महिमा का बखान किया गया है जब-जब अनीति, अधर्म और पाप बढ़ जाता है तब सच्चे संतों और महापुरुषों का आगमन इस धराधाम पर होता है और मनुष्य के अंदर छुपी हुई अथाह शक्ति(आध्यात्मिक शक्ति) का ज्ञान कराकर सत्यगामी बनाते हैं। जिससे मनुष्य सत्य और धर्म के मार्ग पर चलकर इतिहास बनाता है और साथ ही अपने जीवन का कल्याण भी करता है।

मंचासीन आत्मज्ञानी संत-महात्माओं का स्वागत कार्यक्रम के आयोजनकर्ता श्रीमती सरिता गुप्ता (अध्यक्षा,नगरपालिका), अधिशाषी अधिकारी महोली, टीटू भाई(पूर्व चेयरमेन) सहित अनेक सम्मानित लोगों ने मंचासीन संत महात्माओं और दिल्ली से पधारे हुए भजन गायक कलाकारों का फूल-मालाओं और पटका पहनाकर स्वागत किया।

कार्यक्रम में दिल्ली से पधारे भजन गायक कलाकार अमर दास और उनकी टीम ने अपने सुमधुर भजनों से सबको भाव विभोर कर दिया और आसपास के सभी भक्तों ने सत्संग और हरि भजनों का पूरा लाभ उठाया।  कार्यक्रम के दौरान सम्मेलन के आयोजनकर्ता परिवार की तरफ से टीटू भाई ने सभी आत्मज्ञानी संतो, भजन गायक कलाकारों, भक्त समुदाय सहित उपस्थित सम्मानितगणों का आभार प्रकट किया। साथ ही सम्मेलन को सफल बनाने में कार्यरत सभी सहयोगियों को भी धन्यवाद दिया भक्तों स्वागत आरती-प्रसाद के साथ कार्यक्रम को सम्पन्न किया गया।.