गाज़ियाबाद। जीपीए द्वारा लगातार विगत कई वर्षों से निःशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार (आरटीई ) के तहत चयनित बच्चों को जिले के निजी स्कूलों द्वारा एडमिशन नही देने और शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित करने की आवाज शासन , प्रसाशन ,शिक्षाधिकारियों एवम बाल आयोग तक पहुचाई जा रही है। आरटीई के तहत चयनित बच्चों को उनका शिक्षा का मौलिक अधिकार दिलाने के लिए जीपीए द्वारा सोशल मीडिया के शशक्त माध्य्म ट्वीटर द्वारा भी बड़ा अभियान चलाया जा रहा है, जिसका असर अब दिखाई देना शरू हो चुका है । गाज़ियाबाद के सिटी मजिस्ट्रेट गंभीर सिंह के नेतृत्व में जिला बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जिले के 34 बड़े निजी स्कूलों को आरटीई के प्रवेश नही देने पर मान्यता रद्द करने की चेतावनी का नोटिस जारी किया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा जिले के निजी स्कूलो को दो बार नोटिस जारी किया जा चुका है । हालांकि इन स्कूलो द्वारा इन नोटिस पर कोई सकारात्मकता नही दिखाई गई इसी को देखते हुये शिक्षा विभाग द्वारा सख्ती दिखाते हुये अब जिले के 34 बड़े नजी स्कूलों को मान्यता रद्द करने का नोटिश भेजने के लिए विवश होना पड़ा है आरटीई के तहत जिले के निजी स्कूलों में लगभग 4000 बच्चों के प्रवेश सुनिश्चित किये जाने थे। जिसके लिये लगभग 54 स्कूलो में पेरेंट्स द्वारा आवेदन किया गया था। शिक्षा विभाग द्वारा जिले के 20 निजी स्कूलो में लगभग 1500 बच्चों के प्रवेश सुनिश्चित करा दिए है लेकिन जिले के 34 निजी स्कूल अभी ऐसे है जिनको नोटिस भेजने के बाद भी लगभग 2500 बच्चों के एडमिशन देने में आनाकानी की जा रही है। गाज़ियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा आरटीई के एड्मिसन नही लेने पर मान्यता रद्द करने का चेतावनी भरा नोटिस भेजने के सकारात्मक कदम का जीपीए स्वागत करती है और उम्मीद करती है कि अगर इन नोटिस के बाद भी अगर जिले के निजी स्कूलों द्वारा आरटीई के तहत बच्चों के प्रवेश सुनिश्चित नही किये जाते तो शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे स्कूलो की मान्यता रद्द कर प्रदेश में उदाहरण पेश किया जाएगा । गाज़ियाबाद पेटेंट्स एसोसिएशन द्वारा बच्चों को उनका शिक्षा का मौलिक अधिकार दिलाने के प्रयास अनवरत जारी रहेगा।
आरटीई के एडमिशन की आंख मिचौली पर प्रशासन हुआ सख्त