आरटीई के एडमिशन नही देने वाले स्कूलो की मान्यता रद्द करे प्रदेश सरकार - जीपीए

 गाज़ियाबाद। जीपीए  ने पिछले कई वर्षों से प्रदेश में निःशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009  ( आरटीई) के तहत चयनित बच्चों के एडमिशन नही देने वाले स्कूलो की खिलाफ बड़ी मुहिम छेड़ी हुई है। गाज़ियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने विगत वर्षों में आयोग की मदद से आरटीई के अंतर्गत अनेको चयनित बच्चों का एडमिशन स्कूलो में कराकर उनको शिक्षा का मौलिक अधिकार दिलाया है लेकिन उसके बाद भी अनेको ऐसे छात्र है जो निजी स्कूलों की हठधर्मिता और शिक्षा अधिकारियों की निजी स्कूलों के साथ मिलीभगत के कारण शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित रह जाते है प्रदेश के अनेको अभिभावक अपने बच्चों के एड्मिसन को लेकर शिक्षा अधिकारियों के चक्कर काटते रहते है लेकिन उनको न्याय नही मिल पाता है यह प्रक्रिया  साल दर साल से  चलती आ रही है और अंत मे अभिभावक हार थक कर बैठ जाते है। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने बताया कि जीपीए द्वारा सोशल मीडिया के सशक्त माध्यम ट्वीटर के जरिये प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री जी से अपील की गई है कि प्रदेश में आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चों के एडमिशन नही लेने वाले  निजी स्कूलों की मान्यता रद्द की जाये और साथ ही ऐसे शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ भी सख्ती दिखाई जाये जो अपने जिलों में आर टीई के एडमिशन कराने में लापरवाही बरतते है ऐसे शिक्षा अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए जो यह कहकर पल्ला झाड़ लेते है कि सीबीएसई के स्कूल उनके नियंत्रण में नही है। जीपीए के उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि पिछले अनेको साल से सरकार की तरफ से निजी स्कूलो और उनके मालिको को खुली छूट दी गई है, जिसके कारण आज ना तो निजी स्कूल प्रबंधक सरकार की ही सुनते है और ना ही शिक्षा अधिकारियों की । अब समय आ गया है माननीय मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व और सख्त निर्णयों से इस प्रथा को बदला जाए और निजी स्कूलों की मनमानियों पर नियंत्रण करते हुये प्रत्येक जिले में आरटीई के एडमिसीन सुनिश्चित कराये जाये । जीपीए के प्रवक्ता विनय कक्कड़ और नरेश कसोना ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अभिभावको को अपने मुख्यमंत्री जी पर पूर्ण विश्वास है कि वो पुरानी प्रथा को दरकिनार करते हुए अब प्रदेश में सख्त उदहारण पेश करेगे और ऐसे निजी स्कूलों की मान्यता रद्द करने का आदेश जारी करेंगे जो आरटीई के एडमिशन देने में आनाकानी करते है ।